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Hanumangarh : 1 अप्रैल से होगी गेंहू खरीद : किसानों को लगा डर सताने,6 माह तक फसल पालने वाले किसान चिंतित

कंटेंट- कुलदीप शर्मा
हनुमानगढ़। जिला प्रशासन ने गेंहू की सरकारी खरीद को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। इस सम्बंध में जिला कलक्टर नथमल डिडेल एफसीआई से लेकर कृषि अधिकारियों से व्यवस्था को लेकर बैठक में निर्देश दे चुके है। अबकी बार गेंहू की सरकारी खरीद का लक्ष्य करीबन 6.5 मेट्रिक टन रखा गया है। अबकी बार सरकारी खरीद 1 अप्रैल से शुरू होकर 10 जून तक चलेगी। गेंहू की सरकारी खरीद को लेकर खरीद एजेंसी से लेकर मंडी समिति व कृषि अधिकारियों ने युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है।

किसानों को सता रहा अभी से डर
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सरकार भले ही जिला प्रशासन के भरोसे सरकारी खरीद में कोई दिक्कत नहीं आने देने का दावा करती रहे लेकिन हर बार गेंहू की सरकारी खरीद के दौरान अनेकों दिक्कतों का सामना व्यापारियों से लेकर किसानों को करना पड़ता है। किसान नेता रामेश्वर वर्मा ने खरीद एजेंसी एफसीआई व ठेकेदारों पर जानबूझकर देरी कर किसानों को परेशान करने का आरोप लगाया है। रामेश्वर वर्मा कहते है कि हर बार ही सरकारी खरीद के बाद फसल उठाव व बारदाने को लेकर किसानों को मजबूरन विरोध-प्रदर्शन करना पड़ता है। इस बार भी किसानों को डर है कि हर बार की तरह किसानों को दिक्कत जरूर आएगी। 

इस बार भी बम्पर होगी गेंहू की फसल
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कृषि निदेशक दानाराम की माने तो इस बार गेंहू की औसतन बिजाई 1.90 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में किसानों द्वारा की गई है। वहीं उन्होंने बताया कि इस बार सरसो की बिजाई 2.25 लाख हैक्टेयर तो वहीं चने की बिजाई 1.25 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में किसानों द्वारा की गई है। अबकी बार जिले के लिए राहत की खबर ये रही कि  अभी तक फसलों का प्राकृतिक आपदा से कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।

फसलों का आज का समर्थन मूल्य
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गेंहू - 2015 रुपये/क्विंटल
सरसो - 5250 रुपये/क्विंटल
चना - 5050 रुपये/क्विंटल

सरसो की सरकारी खरीद का अनुमान कम ही है क्योंकि अबकी बार सरसो का समर्थन मूल्य जहां 5250 रुपये प्रति कविंटल चल रहा है तो बाजार में वहीं सरसो 7 हजार से ज्यादा रुपये प्रति कविंटल में बिक रही है। इसलिए इस बार गेंहू व चने की ही सरकारी खरीद का अनुमान है।

फसल खरीद में आने वाली मुख्य दिक्कतें
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गेंहू की सरकारी खरीद में सबसे बड़ी दिक्कत किसानों व व्यापारियों को आती है।क्योंकि सरकारी खरीद के दौरान बोली लगने के दूसरे-तीसरे दिन फसल का उठाव होना चाहिए लेकिन कई-कई बार उठाव व बारदाने की समस्याओं के चलते फसल का समय पर उठाव नहीं हो पाता है। अगर उस दौरान बरसात,आंधी,ओलावर्ष्टि हो जाती है तो उसका नुकसान सीधा किसानों व व्यापारियों को होता है। इसी के साथ ही आगामी फसलों की बुवाई के लिए खाद का भी रैंक आने का समय भी होता है इसके चलते कई बार लेबर नहीं होने के चलते भी किसानों की फसलों का उठाव होना मुश्किल हो जाता है।

अप्रैल-मई-जून में जमकर बरसते है मेघ
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गेंहू की सरकारी खरीद 1 अप्रैल से लेकर 10 जून तक चलनी है। इस दौरान हर वर्ष मेघ जमकर बरसते है। भारी बरसात की वजह से कई बार किसानों को बहुत बड़ा नुकसान भी होता है। खुले आसमान के नीचे पड़ी गेंहू की फसलें खराब हो जाती है। इस बार भी किसानों को डर है कि हर बार की तरह उनकी फसलों का नुकसान हो सकता है। किसान नेता रामेश्वर वर्मा ने कहा कि हम कृषि उपज मंडी समिति से लेकर प्रशासन से मांग करते है कि इस बार किसानों को बरसात,आंधी,ओलावृष्टि से उनकी मंडी में पड़ी फसले खराब न हो इसके लिए पुख्ता इंतजाम करे। 

कंटेट-कुलदीप शर्मा

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