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बच्चों के सुरक्षित एवं संरक्षित भविष्य के लिए समन्वित प्रयास किये जाने की आवश्यकता

 बच्चों के सुरक्षित एवं संरक्षित भविष्य के लिए समन्वित प्रयास किये जाने की आवश्यकता


श्रीगंगानगर। जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर एवं अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण इकाई श्री सौरभ स्वामी की अध्यक्षता में “जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल नशा मुक्ति की प्रभावी रोकथाम हेतु संयुक्त कार्य योजना के क्रियान्वयन हेतु त्रैमासिक समीक्षा बैठक का आयोजन मंगलवार को किया गया। इसमें जिला कलक्टर द्वारा बालकों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति की रोकथाम हेतु संबंधित हितधारकों को समन्वित रूप से कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया।
जिला कलक्टर ने विभिन्न विभागों यथा पुलिस, शिक्षा, आबकारी, औषधि नियंत्रण, मानव तस्करी, बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय बोर्ड द्वारा इस क्षेत्र में किए गए प्रयासों की समीक्षा करते हुए बच्चों के सुरक्षित एवं संरक्षित भविष्य हेतु समन्वित प्रयास किये जाने की आवश्यकता जताते हुए वर्तमान में भ्रूण हत्या तथा नवजात शिशुओं को झाड़ियों, नहर आदि में फेंके जाने को गंभीरता से लेते हुए आमजन में जन-जागरूकता के माध्यम से बच्चों को सुरक्षित पालनागृहों में देने तथा जरूरतमंद परिवारों में दत्तकग्रहण हेतु प्रेरित करने के लिए निर्देशित किया। बैठक में उपस्थित स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा बाल संरक्षण एवं बाल अधिकारों के क्षेत्र में जनजागरूकता एवं अन्य नवाचार के कार्य करने हेतु अपनी प्रतिबद्धता जताई।
जिला कलक्टर ने बच्चों को नशे तथा भिक्षावृत्ति में धकेलने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कर प्रभावी कारवाई और बालवाहनियों में समुचित सुरक्षा बंदोबस्त करने व सीसीटीवी कैमरे आदि लगवाने हेतु निर्देशित किया।
बैठक में बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक श्री राजीव जाखड, पुलिस विभाग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री जय सिंह तंवर, जिला परिवहन अधिकारी श्री विनोद कुमार लेघा, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्री जोगेन्द्र कौशिक, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य श्री विकास प्रताप सारस्वत, जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी श्री अशोक मित्तल, परिवीक्षा अधिकारी श्री संदीप कुमार के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 

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