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बिना शर्त सरसों की सरकारी खरीद की मांग पर हुई किसान महापंचायत,कलक्टर से हुई वार्ता रही बेनतीजा



हनुमानगढ़। समर्थन मूल्य पर सरसों की सरकारी खरीद बिना शर्त शुरू करने की मांग को लेकर बुधवार को पूर्व घोषणानुसार अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले जंक्शन की धानमंडी में कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय के सामने किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। महापंचायत के बाद किसान व मजदूर रोष मार्च निकालते हुए जिला कलक्ट्रेट के समक्ष पहुंचे। यहां सभा की। सभा के बाद जिला कलक्टर से हुई वार्ता में मौजूद एफसीआई व राजफैड के अधिकारियों ने एक अप्रेल से सरसों सहित चना की सरकारी खरीद शुरू करने के लिए आश्वस्त किया। वार्ता सकारात्मक लेकिन बेनतीजा रही। साथ ही चेतावनी दी कि बिना शर्त सरसों की सरकारी खरीद शुरू न होने पर आंदोलन तेज किया जाएगा। इससे पहले जिला कलक्ट्रेट के समक्ष हुई सभा में माकपा नेता रामेश्वर वर्मा ने कहा कि सरसों की बिना शर्त सरकारी खरीद शुरू करने की मांग को लेकर पिछले 15 दिनों से इलाके का किसान व मजदूर जंक्शन धानमंडी स्थित कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय के सामने पड़ाव डालकर बैठा है। लेकिन सरकार व प्रशासन की हठधर्मिता के चलते किसानों की फसल मंडी में पड़ी बर्बाद हो रही है। किसान पिछले एक माह से धानमंडियों के चक्कर काट रहा है परन्तु प्रशासन को किसान हित से कोई सरोकार नहीं। किसान की फसल धानमंडी में बारिश में भीगकर खराब हो रही है। खेतों में पकाव पर खड़ी फसल भी बारिश व ओलावृष्टि से खराब हो चुकी है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च को आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी। 

खरीद शुरू न की गई तो जिले की मंडियां बंद करवाई जाएंगी। सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि पिछले एक माह से किसान मजबूरी में औने-पौने दामों में अपनी फसल व्यापारियों को बेच लाखों रुपए का घाटा झेल रहा है। किसानों की तैयार फसल प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हो चुकी है। लेकिन सरकार के नुमाइंदों ने खराब हुई फसल का जायजा लेना उचित नहीं समझा। मुआवजा दिलवाने की बात तो दूर संवेदना भी प्रकट नहीं की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसानों की फसल की सरकारी खरीद बिना शर्त शुरू करने के आदेश नहीं हुए और किसानों को खराबे का मुआवजा नहीं दिया गया तो मुख्य हाइवे जाम करने जैसे आंदोलनात्मक कदम उठाने को इलाके का किसान मजबूर होगा। मंगेज चौधरी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी जमीनी स्तर के ज्ञान के बिना केवल कार्यालयों में बैठे अपने फरमान जारी कर रहे हैं। वे किसान की जमीनी स्तर की हालात नहीं समझ रहे। बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की 70 प्रतिशत से अधिक फसल खराब हो चुकी है। सभा के पश्चात किसान प्रतिनिधियों की जिला कलक्टर रुक्मणि रियार सिहाग के साथ करीब पौने घंटे वार्ता चली जो सिरे नहीं चढ़ी। वार्ता में जिला कलक्टर के अलावा एडीएम, एसडीएम, एफसीआई-राजफैड व कृषि विभाग के अधिकारी शामिल रहे। वार्ता में जिला कलक्टर ने किसान प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि सरकार व राजफैड के प्रतिनिधियों से वार्ता चल रही है। इसका जवाब देर शाम तक आने के आसार हैं। संघर्ष समिति के सहसंयोजक ओम स्वामी ने बताया कि देर शाम को दूसरे दौर की वार्ता के पश्चात आगामी रणनीति बनाई जाएगी। कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय के समक्ष पड़ाव जारी रहेगा। इस मौके पर रघुवीर वर्मा, जगजीत सिंह जग्गी, आत्मासिंह, अवतार बराड़, विक्रम नैण, गोपाल बिश्नोई, जगसीर सिंह, वीरसिंह, चरणजीत सिंह, मनप्रीत सिंह, हरीश कुमार, गुड्डूराम, गुरप्रीत बुट्टर, बेअंत सिंह, गुरविन्द्र सिंह, रामप्रताप सहित कई किसान मौजूद थे।

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