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भूमिहीन महिला कृषि श्रमिकों के कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण आयोजित

श्रीगंगानगर। कृषि विभाग की ओर से 18 जीजी (गोविंदपुरा) में सरपंच श्री रणजीत झाझडिया की अध्यक्षता में गुरुवार को महिला श्रमिकों के कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण हेतु प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

 प्रशिक्षण में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. जीआर मटोरिया ने जैविक खेती के महत्व को बताते हुए इसे बढ़ावा देने हेतु प्रतिवर्ष खरीफ और रबी सीजन में एक निश्चित क्षेत्रफल पर जैविक खेती करने हेतु सलाह दी। डॉ. मटोरिया ने उपस्थित महिलाओं को कृषि में अध्ययनरत छात्राओं को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली छात्रवृति की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अपनी बच्चियों को कृषि संकाय की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करें।
 सहायक कृषि अधिकारी श्री ताराचन्द लिम्बा ने बताया कि राजस्थान सरकार की बजट घोषणा के तहत घोषित राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन के तहत भूमिहीन महिला श्रमिकों की कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण हेतु इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। इसका उद्देश्य कृषि श्रमिकों की कौशल विकास और क्षमता में सुधार लाना है ताकि वे कृषि कार्यों को कम समय में और गुणवत्ता पूर्वक तरीके से संपन्न कर सकें। प्रशिक्षण का मुख्य आकर्षण जैविक आदान निर्माण की वैज्ञानिक जानकारी रहा।
 श्री सोहनलाल शर्मा सेवानिवृत्त सहायक कृषि अधिकारी ने कार्बनिक खाद बनाने की विधि एवं महत्व, कंपोस्ट खाद बनाने की विधि एवं महत्व, केंचुआ खाद तथा नेडेप कंपोस्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी। श्री दाताराम कृषि पर्यवेक्षक ने जैविक खेती में बीजामृत, जीवामृत, धन जीवामृत और वेस्ट डी कंपोजर के महत्व को बताया। श्री विजय चुग कृषि पर्यवेक्षक ने बीजामृत, जीवामृत, और वेस्ट डी कंपोजर बनाने की प्रायोगिक विधि की जानकारी दी। श्री सुशील कुमार शर्मा सहायक निदेशक कृषि विस्तार श्रीगंगानगर ने उपस्थित महिला श्रमिकों को खरपतवार निकालने वाले हस्त चालित यंत्रों और हस्त चलित कटाई वाले यंत्रों के उपयोग और रखरखाव की विस्तृत जानकारी दी।
 श्री अमरजीत कृषि पर्यवेक्षक ने मृदा स्वास्थ्य के बारे में बताया। उन्होंने उन्नत बागवानी तकनीक हेतु समतल क्यारीए उठी हुई क्यारी और ट्रेनच तैयार करनाए थैली भरना एवं थैली क्यारी में लगाना, बीज बुवाई करना, सिंचाई एवं खरपतवार प्रबंधन, कीटनाशकों का छिड़काव करना और तैयार पौध को थैली में स्थानांतरित करने की जानकारी दी। श्रीमति सीमा चावला असिस्टेंट प्रोफेसर कृषि विज्ञान केंद्र पदमपुर ने फल एवं सब्जी परिरक्षण का महत्व एवं जानकारी, परिरक्षण के प्रकार तथा जैम एवं जेली बनाने की जानकारी दी।

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