प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत रबी 2023-24
श्रीगंगानगर। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत वर्ष 2023-24 हेतु राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना 21 जुलाई 2023 को जारी की जा चुकी है। इसके अनुसार जिला श्रीगंगानगर में योजना के क्रियान्वन हेतु क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लि0 बीमा कम्पनी को अधिकृत किया गया है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. जी. आर. मटोरिया ने बताया कि जिले में रबी 2023-24 की फसलों के अन्तर्गत गेहूं, जौ, चना, सरसों व तारामीरा को बीमा करवाने के लिए अधिसूचित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इस योजनान्तर्गत फसली ऋण लेने वाले कृषक जिनकी फसल ऋण की सीमा को रबी के लिए 31 दिसम्बर तक स्वीकृत किया गया हो अथवा ऋण वितरित किया गया हो, के कृषक फसल बीमा हेतु पात्र होंगे। ऋणी कृषकों हेतु यह योजना पूर्णतः स्वेच्छिक है, किन्तु ऋणी कृषक इस योजना से पृथक रहने के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2023 से 7 दिवस (24 दिसम्बर) तक अपने संबंधित बैंक में घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा अन्यथा उनको योजना में सम्मिलित माना जावेगा।
उन्होंने बताया कि संबंधित बैंक फसल बीमा की कटौती करने से पूर्व कृषक से इस आशय का प्रमाण-पत्र लेना सुनिश्चित करेंगे कि उसने बोई गई फसल का अन्य किसी बैंक से फसल बीमा नहीं करवाया है तथा ऋणी कृषकों द्वारा बीमित फसल में परिवर्तन की सूचना संबंधित बैंक को देने की अंतिम तिथि 29 दिसम्बर 2023 निर्धारित की गई है। गैर ऋणी कृषक एवं बंटाईदार कृषक स्वैच्छिक आधार पर भू स्वामित्व के साक्ष्य, भू-स्वामित्व प्रमाण-पत्र, बैंक खाता संबंधी साक्ष्य, आधार कार्ड की प्रति, अपना खाता पोर्टल से डाउनलोड की गई स्वयं प्रमाणित नवीनतम जमाबंदी (जिन जिलों के गांव के लैण्ड रिकोर्ड को भारत सरकार राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल से इन्टीग्रेशन नहीं किया गया है उनके लिए पटवारी/गिरदावर/तहसीलदार द्वारा सत्यापित जमाबंदी की नकल ही मान्य होगी), स्वप्रमाणित फसल बुवाई घोषणा-पत्र, बंटाईदार कृषक द्वारा सम्बधिंत खातेदार से प्राप्त शपथ-पत्र, (राजस्थान के राशि रूपये 100 के नॉन ज्यूडिसियल स्टाम्प पेपर के नॉटरी द्वारा प्रमाणित जिसमें सम्बंधित कृषि भूमि का विवरण भी होगा जो बंटाई पर दी है), बंटाईदार कृषक का राजस्थान का मूल निवास प्रमाण-पत्र, बंटाईदार कृषक एवं सम्बधिंत खातेदार दोनो कृषकों के स्वयं द्वारा सत्यापित आधार कार्ड की प्रति इत्यादि दस्तावेजों से गैर ऋणी कृषक के रूप में फसल बीमा करवाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ऋणी कृषकों का प्रीमियम उनके ऋण खातों से वसूल किया जायेगा। गैर ऋणी व बटाईदार कृषक अपनी फसलों का बीमा स्वैच्छिक आधार पर निकट के केन्द्रीय सहकारी बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/वाणिज्यिक बैंक की शाखाओं एवं सीएससी के माध्यम से करवा सकेगें। इसके अतिरिक्त गैर ऋणी कृषक बीमा कम्पनी के अधिकृत बीमा एजेन्ट/मध्यस्थी, प्राधिकृत प्रतिनिधि अथवा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एन.सी.आई.पी) द्वारा भी फसल बीमा करवा सकते है।
उन्होंने बताया कि रबी 2023-24 हेतु गेहूं, चना, सरसों, फसलों का बीमा जिले की सभी तहसीलों के कृषकों द्वारा करवाया जा सकता है। जौ फसल का बीमा अनूपगढ, घड़साना, करणपुर, रायसिंहनगर, पदमपूर, सादुलशहर, श्रीगंगानगर, सूरतगढ व श्रीविजयनगर तहसील तथा तारामीरा फसल का बीमा अनूपगढ, घड़साना, करणपुर, रायसिंहनगर, रावला, सूरतगढ व श्री विजयनगर तहसील के कृषकों के द्वारा करवाया जा सकता है। रबी 2023-24 हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तगर्त जिला श्रीगंगानगर में अधिसूचित फसलों की प्रति हैक्टेयर जौ हेतु 73763 रूपये, चना हेतु 60814 रूपये, सरसों हेतु 98388 रूपये, तारामीरा हेतु 26334 रूपये व गेंहू हेतु 88810 रूपये बीमित राशि निर्धारित की गई है। सभी फसलों हेतु 1.5 प्रतिशत कृषक हिस्सा राशि कृषकों से ली जायेगी। अन्य राशि राज्य व केन्द्र सरकार बराबर-बराबर अनुपात में वहन करेंगे।
उन्होंने बताया कि बीमित कृषकों को खडी फसल (बुवाई से कटाई) में सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ़, जल प्लावन, कीट एवं व्याधि, प्राकृतिक आग एवं बिजली का गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात से होने वाले उपज में नुकसान के लिए व्यापक जोखिम बीमा राज्य सरकार द्वारा सम्पादित फसल कटाई प्रयोगां से प्राप्त उपज आकंडों के आधार पर देय होगा। फसल कटाई उपरान्त सूखने के लिए खेत में काट कर फैला कर छोडी गयी फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से व्यक्तिगत आधार पर हुये नुकसान के लिए कटाई उपरान्त अधिकतम दो सप्ताह (14 दिन) की अवधि के लिए बीमा आवरण उपलब्ध होगा।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार प्रभावित कृषक को 72 घंटे के अन्दर सीधे श्रीगंगानगर जिले में फसल बीमा हेतु अधिकृत बीमा कम्पनी क्षेमा जनरल इन्शोयरेन्स लि. के टोल फ्री न. 1800-572-3013 पर, क्रोप इंश्योरेंस ऐप, किसान सुविधा ऐप के माध्यम से स्वयं के एंड्रोईड मोबाईल अथवा ई-मित्र पर जाकर अथवा अपने बैंक के माध्यम से अथवा कृषि विभाग के अधिकारियों/कार्मिकों के माध्यम से सूचित करना आवश्यक है। यदि 72 घण्टे में कृषक द्वारा पूर्ण सूचना उपलब्ध नही करवाई जाती है तो वह कृषक 7 दिवस में पूर्ण सूचना निर्धारित प्रपत्र (परिषिष्ट संख्या 5) में सम्बन्धित बीमा कम्पनी को आवश्यक रूप से उपलब्ध कराएगा, परन्तु 72 घण्टें में सूचना देना अति आवश्यक है।
0 टिप्पणियाँ
इस खबर को लेकर अपनी क्या प्रतिक्रिया हैं खुल कर लिखे ताकि पाठको को कुछ संदेश जाए । कृपया अपने शब्दों की गरिमा भी बनाये रखे ।
कमेंट करे