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झारखंड का एक ऐसा गांव जहां आज भी लालटेन की रोशनी में पढ़ते हैं बच्चे, स्थानीय लोगों में भरा आक्रोश




जमशेदपुर(जी.एन.एस) झारखंड के जमशेदपुर जिले के बिरसा गांव के लोगों को आजादी के 72 साल बाद भी बिजली की सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है जिसके चलते गांव के बच्चे लालटेन की रोशनी में पढ़ने को मजबूर हैं। झारखंड राज्य अपने प्रचूर प्राकृतिक संसाधनों की वजह से देश ही नही बल्कि दुनिया भर में एक अलग पहचान रखता है, इसके बावजूद बिरसा गांव के लोगों तक आज भी बिजली की सुविधा नहीं पहुंच पाई है। गांव के लोगों ने आरोप लगाया कि चुनावों के समय नेता लोग आते हैं और बिजली की सुविधा देने के वादे करते हुए कई योजनाएं शुरू करने की बातें करते हैं लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद कोई भी योजना आगे नहीं बढ़ती। बिरसा टोला गांव के लोगों ने खुले तौर पर राजनीतिक पार्टियों का 2019 के चुनावों में बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

गांव के मुखिया ने कहा कि वे लोग अब सिर्फ वोट बैंक बनकर नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि पहले हमारे मूल अधिकार हमें दो तभी हम लोग आपको वोट करेंगे। गांव की कई महिलाओं ने कहा कि बिजली ना होने के कारण उनके बच्चे लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करते हैं जिसके कारण उनकी आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जब इस बारे में जीएम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि गांव सर्वे में छूट गया होगा। इसके लिए जो भी अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बिरसा गांव की 2000 की आबादी बिजली, सड़क, पानी और सरकारी योजनाओं की बेरूखी के कारण नरकीय जीवन जीने को बाध्य है।

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