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दो चकों को मिलाने वाली कच्ची संपर्क सडक़ |
चारणवासी। धोरों में बसे गांव चक 4 व 6 आर.पी.एम (पिचकरांई)के लोग आज मूलभूत सुविधाओं के मौहताज है। दोनों चकों की आबदी सौ-सौ घरों की जहां न तो गलियों में खडवंजा सडक़ों का निर्माण हुआ ओर न ही बस सेवा। यहां के लोगों को तहसील मुख्यालय जाने के लिए छ:किमी दूर रतनपुरा आकर बस पकडऩी पड़ती है या निजी वाहनों में सफर करना पड़ता है। जिससें लोगों के धन व समय की बर्बादी होती है। ग्रामीण ओम प्रकाश सहारण,प्रताप सिंह बिरड़ा,गोरी शंकर इत्यादि ने बताया कि यहां पशु उप स्वास्थ्य कैंद्र न होने के कारण बीमार पशुओं का ईलाल मजबूरी में झोला छाप डॉक्टरों से करवाते है। कई बार समय पर उपचार न होने के कारण पशु मौत के मुंह से समा जाता है। झोला छाप डॉक्टर पशु पालकों से मनमानी फीस वसूलते है। चकों में अधिक किसान होने के कारण हर घर में चार-पांच पशु मिल जाऐगें। वाहन सेवा के अभाव में यहां के लोग कृषी व डेयरी व्यवसाय पर निर्भर है। दोनों चकों के बीच की दूरी दो किमी जो मार्ग भी कच्चा है। बरसात के दिनों कच्ची सडक़ पर फैले किचड़ से लोगों को आवगमन में भारी परेशानी होती है। इन चकों को दवा लाने के लिए भी तीन किमी पिचकरांई उप स्वास्थ्य में जाना पड़ता है। दूर-संचार सेवा न होने कारण लोगों को ऑनलाईन फार्म,बिजली बिल भरवाने के लिए तहसील मुख्यालय जाना पड़ता है। दूर संचार के अभाव में सरकार द्वारा लोगों को मिलने वाली नि:शुल्क सेवा का लाभ नहीं मिल रहा। ग्रामीणों ने चक 17 के.एन.एन से चक 4,6 आर.पी.एम,पिचकरांई वाया नोहर तक बस चलाने की मांग की है। पूर्व सरपंच कृष्ण लाल सहारण ने बताया कि पंचवर्षीय योजना में इन असुविधाओं के बारे में जनप्रतिनिधियों व राज्य सरकार को कई बार अवगत करवाया गया है।
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