डॉ. भीमराव एक युगदृष्टा थे,विकट परिस्थितियों में उंचाईयों को छुआ -निहालचंद


श्रीगंगानगर । सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री निहालचंद ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर एक युगदृष्टा व्यक्ति थे। उन्होंने विकट परिस्थितियों में उंचाईयों को छुआ तथा राष्ट्र को आगे बढ़ाने की दिशा प्रदान की। 

निहालचंद शुक्रवार को रायसिंहनगर में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर श्री कैलाश भसीम सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। निहालचंद ने कहा कि बाबासाहेब का जन्म 14 अप्रेल 1891 को हुआ। उनके पिता का नाम सूबेदार रामजी सकपाल तथा माता का नाम श्रीमती भीमाबाई था। उनकी पत्नी का नाम श्रीमती रमाबाई है, जिनके साथ उनका विवाह 1906 में हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा प्राइमरी 1902, हाई स्कूल 1907 तथा स्नातक की शिक्षा 1912 में भारत में प्राप्त की तथा एमए, एमएससी, पीएचडी, डीलिट, डीएससी, एलएलडी तथा बारएटला की शिक्षा विदेश से प्राप्त की। 

डॉ. भीमराम अम्बेडकर नवम्बर 1918 में सिडेनहम कॉलेज बम्बई के प्रोफेसर रहे। इसके पश्चात जनवरी 1923 में विधानसभा के सदस्य मनोनीत हुए। 3 अगस्त 1928 को साइमन कमीशन के सदस्य बनें। 29 अगस्त 1931 को प्रथम गोलमेज कॉन्फ्रेंस में अछुतों के प्रतिनिधि रहें। 1 जून 1935 में गवर्नमेन्ट कॉलेज के प्रिंसीपल बनें। 20 जुलाई 1942 में वायसराय की कौंसिल के लेबर मेम्बर बनें। 20 जुलाई 1946 में बंगाल विधानसभा के सदस्य तथा 15 अगस्त 1947 में भारत के प्रथम कानूनमंत्रा नियुक्त हुए। 29 अगस्त 1947 को संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में चुने गये। 6 दिसम्बर 1956 नई दिल्ली में उनका स्वर्गवास हुआ तथा 14 अप्रेल 1990 को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 

उन्होंने बताया कि उस दौरान भारत में विदेशी बेड़िया हमें जकड़ी हुई थी। कुरीतियां समाज में व्याप्त थी। जाति पाति का कोहरा छाया हुआ था, ऐसी विकट परिस्थितियों में भीमराव का जन्म हुआ। भीमराव के दादाजी अग्रेजी सेना में हवलदार थे। 

भीम को बचपन से ही किताबें पढने की ललक भी और वो कोई भी लिखा हुआ कागज हाथ में लग जाता तो उन अक्षरों को बड़े मनोयोग से देखते थे। भीमराव जब 6 वर्ष के हुए उन्हें सतारा के केन्ट स्कूल में भर्ती करवाया गया। विभिन्न प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में भीम ने प्राईमरी परीक्षा पास की। 

डॉ अम्बेडकर के पास कानून, इतिहास, तत्वज्ञान, धर्मशास्त्रा, मानव वंश शास्त्रा, राज्य शास्त्रा, अर्द शास्त्रा आदि विषयों का विपूल ज्ञान का भंडार था। डॉ अम्बेडकर अछूतों के सच्चे व एकमात्राप्रतिनिधि थे, जो छुआछुत व गरीब उत्थान की बात किया करते थे। 

अम्बेडकर पार्क में हुआ कार्यक्रम

अम्बेडकर नवयुवक मंडल रायसिंहनगर द्वारा शुक्रवार को अम्बेडकर पार्क रायसिंहनगर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री निहालचंद ने बाबासाहेब की प्रतिमा पर फूल माला अर्पित की तथा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला।

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