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गन्ना लेने के अंतिम नोटिस पर किसानों में रोष,पिराई सत्र एक सप्ताह ओर बढाने की मांग,जिला कलेक्टर से भी मिले किसान

ट्रोलियो में भर कर तेयार गन्ना 

 केसरीसिंहपुर/सोमनाथ नायक
कमीनपुरा स्थित शुगर मिल में पिराई हेतु शुक्रवार सुबह 10 बजे तक गन्ना लेने के नोटिस पर किसानों ने रोष व्यक्त करते हुए मिल महाप्रबन्धक को अगले सप्ताह तक मिल चलाने कि मांग का ज्ञापन सौंपा ओर जिला कलक्टर से मिल कर खेतो में खड़े करीबन डेढ़ लाख क्विंटल गन्ने को लेने की मांग दोहराई । किसानों में रोष सुबह उस समय और फैल गया जब सुबह किसान द्वारा लाए गए गन्ने की गुणवत्ता की जांच कर लेने ब्रिक सैम्पल फेल घोषित कर इसे लेने से इनकार कर दिया गया । 19 एच के इस किसान ने गन्ना कल ही काट कर लाना बताया । इस पर गन्ना यूनियन के सचिव सतविंद्र पाल सिंह के नेतृत्व में किसान महाप्रबन्धक रामनिवास जाट से मिले । एंव सारे गन्ने के साथ ही खेतो में खड़े गन्ने को लेने की मांग की । इस पर उन्होंने सुबह 10 की बजाए रात्रि 10 बजे तक आने वाले सारे गन्ने को लेने की हामी भर दी । लेकिन राज्य सरकार के आदेशानुसार ओर गन्ना लेने में असमर्थता जता दी । उनका कहना है कि गन्ना सूखने के कारण उसमे चीनी की रिकवरी मात्र 5 प्रतिशत रह गई है । ऐसे समय मे इसे चलाए रखना मुश्किल है । इस पर किसान जिला क्लक्टर से अवगत करवाने की बात कह रवाना हो गए । बाद में बैठक कर गन्ना नही लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई । किसानों ने बताया कि पिछले दिनों मिल में सफाई हेतु लिए गए ब्रेक डाउन एंव मिल द्वारा निर्धारित 15 हजार की पिराई नही किये जाने के कारण यह स्थिति आई है । इसमें किसान का कहा दोष है । उन्होंने बताया कि विगत वर्ष भी मिल 15 मई तक चली थी । इस बार भी चल सकती है । गन्ने में रिकवरी का बहाना बनाया जा रहा है । गन्ना खेत से काट कर सीधा लाया जा रहा है । फिर भी गुणवत्ता विहीन माना जा रहा है । अब तो मात्र एक सप्ताह का ही गन्ना शेष बचा है । उनके साथ विक्रम सिंह , गुरदीप सिंह गोदारा, बलवंत सिंह, हरप्रित सिंह, हरमंदर सिंह, सतनाम सिंह, राजपाल सिंह, राजेन्द्रपाल सिंह, नवजोत सिंह, भूपेंद्र सिंह, जगमीत सिंह सहित गन्ना उत्पादक किसान साथ रहे ।
महाप्रबन्धक को ज्ञापन सौंपते किसान 

इसी मांग को लेकर किसानों का प्रतिनिधि मंडल श्री गंगानगर में जिला कलक्टर ज्ञाना राम से मिला । एंव वस्तुस्थिति से अवगत करवा कर मिल को आगे और चलाने की मांग की । उन्होंने आश्वस्त किया कि गन्ना खेतो में नही रहने दिया जाएगा । इस सम्बन्ध में मिल प्रशाशन एंव ऊपर बात कर हल निकाला जाएगा ।

किसानों ने बताया कि कुल मांग पर्चियां 10385 थी । इनमें से एक अप्रेल 5200 पर्चियां दे दी गई । बाद के दिनों में शेष बची 5185 पर्चियां तीन दिनों वितरित कर दी गई । इन दो दिनों में 5 हजार से अधिक पर्चियों का गन्ना कटाई कर मिल में कैसे पहुंच पाएगा । यह प्रशाशन की लापरवाही है ।

उधर मिल ने अभी तक विगत सभी वर्षो की पिराई का रिकार्ड तोड़कर 11.40 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई कर ली । एंव 2 लाख से अधिक चीनी के बैग तैयार कर लिए । इस बार की चीनी भी उत्कृष्ट क्वालिटी की रही । इस कारण मांग भी बढ़ी । मिल इससे पहले 1998-99 सत्र में ही 15 मई तक विशेश परिस्थितियों में चलाई गई थी । गत वर्ष सीजन भी देरी से शुरू किया गया । इसलिए 11 मई तक 8.88 लाख गन्ने की पिराई से मात्र 5.88 प्रतिशत रिकवरी प्राप्त हुई थी । इस बार अब तक 8.50 तक प्राप्त ही है । जो कि अब तक बहुत बढ़िया है । लेकिन पिछले दिनों इस माह के आरम्भ में पड़ी गर्मी के कारण गन्ना सूख गया । जिससे मिठास कम होने के कारण रिकवरी के साथ उसकी गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है ।

"अभी खेतो में डेढ़ से दो लाख क्विंटल गन्ना शेष बचा है । जो एक सप्ताह में लिया जा सकता है । बचा हुआ गन्ने का किसान क्या करेंगे । पंजाब में भी मिले बन्द हो चुकी है । मिल कभी भी निर्धारित 15 हजार क्विंटल की पिराई नही कर पाई । इसी कारण शेष गन्ना खेतो में रह गया । यदि यह गन्ना नाहीं लिया गया तो मज़बूरन आंदोलन करना पड़ेगा ।" सतविंद्र सिंह, सचिव गंगानगर गन्ना उत्पादक कृषक समिति

"रिकवरी कम आने के कारण मिल को चलाने हेतु सरकार की ओर से मनाही हो चुकी है । अतः फिर भी अपने स्तर पर रात्रि 10 बजे तक आने वाले गन्ने को मिल में रहा हूँ ।" रामनिवास जाट महाप्रबन्धक शुगर मिल कमीनपुरा

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