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1करोड़ 33 लाख से निर्मित भवन उद्घाटन की अभाव में हो रहा खण्डर,लटका ताला |
सोमनाथ नायक की रिपोर्ट एक्सक्लूसिव डॉट कॉम के साथ विशेष खबर
केसरीसिंहपुर
समीपवर्ती गाँव अरायण में लाखो-करोड़ो रूपयो की लागत से बना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सवा साल से उदघाटन के इंतज़ार में ताले में बंद पड़ा है । राजनितिक कारणों से बन कर तैयार भवन अब रखरखाव के अभाव में क्षतिग्रस्त होना शुरू हो गया । वहीं इसमें आसपास खेत होने के कारण जंगली जीवो ने भी बसेरा कर लिया है । इसमें राज्य सरकार के द्वारा बनाए गए भामाशाह के नए नियम आड़े आ रहे है । वही जमीन के दानदाता पूर्व सांसद शंकर पन्नू तत्कालीन जिला कलक्टर, चिकित्सा विभाग के साथ किये गए एमओयू के तहत अपने पिता चौ.जीवन राम पन्नू के नाम से चिकित्सालय का नामकरण करवाना चाहते है । जबकि विभाग राजकीय चिकित्सालय के नामकरण की गाइडलाइन की बात कर रहे है ।
उद्घाटन विरोध के कारण टाल दिया गया
पूर्व सांसद नामकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग एंव प्रशाशन के साथ हुए करार के तहत उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके है । उनका कहना है कि तत्कालीन जिला कलक्टर श्री राम चौरड़िया एंव श्री करणपुर के ब्लॉक सीएमएचओ के साथ जयपुर से स्वास्थ्य विभाग से प्रारूप मंगवाकर केसरीसिंहपुर के उप तहसील में मुख्य सड़क पर स्थित करीब एक बीघा भूमि का चिकित्सालय हेतु रजिस्टर्ड एमओयू किया था । जिसमें एक शर्त ये थी कि इस चिकित्सालय का नाम उनके पिता चौ. जीवन राम पन्नू के नाम पर रखा जाएगा । उन्होंने बताया कि इसकी तत्कालीन कीमत करीबन तीन करोड़ रूपये थी । लेकिन आमजन के लिए इसे निशुल्क प्रदान कर दिया । चिकित्सा विभाग से भवन बन कर तैयार होने के बाद नामकरण करने से विभाग ने इंकार कर दिया । और आनन फानन में 1 जनवरी 2016 को इसका उद्घाटन करने का कार्यक्रम तय कर दिया । जिसमें राज्य मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी एंव सांसद निहाल चंद मेघवाल ने आकर करना था । तब ग्रामीणों की सहायता से पूर्व सांसद शंकर पन्नू, पूर्व राज्य मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर धरना लगाकर बैठ गए । और उदघाटन नहीं होने दिया । और मंत्रियों को बैरंग लौटना पड़ा । तब से वह ताले में ही बन्द पड़ा है । उन्होंने बताया कि सारे कागज़ात एमओयू की प्रति जिला चिकित्सा अधिकारी, जिला कलेक्टर को दिखाई गई कोई सुनवाई नहीं होने पर करार की पालना हेतु मामला उच्च न्यायालय में वाद दायर करना पड़ा ।
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अभी इस जर्जर भवन में होती हैं आमजनो के स्वास्थ्य की जांच |
करोड़ो की लागत से बना स्वास्थ्य केंद्र विवाद की भेंट चढ़ा
1.33 करोड़ की लागत से स्वास्थ्य विभाग ने गाँव में आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण करवाया । इसमें चिकित्सको के रहने के लिए तीन अलग से क्वार्टर भी बनाए गए । इसकी भूमि पूर्व सांसद शंकर पन्नू की पत्नी विमला पन्नू ने 31 जुलाई 2013 को दान दी थी । 26 सितम्बर 2013 को तत्कालीन राज्य मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर ने इसका शिलान्यास किया तब लगी पट्टिका पर केंद्र का नाम चौ. जीवन राम अंकित किया गया था । यह भवन दिसम्बर 2015 में बन कर तैयार हो गया । तब नामकरण को लेकर आई परेशानी से जिला कलेक्टर पीसी किशन को अवगत करवाया गया । उनकी और से किये गए एमओयू का हवाला देकर चिकित्सा विभाग से मांगे गए मार्गदर्शन में प्रमुख शाशन सचिव ने नई गाइडलाइन अनुसार करने के निर्देश जारी कर दिए ।
गाइडलाइन से मामले में आया विवाद
एमओयू चिकित्सा विभाग की गाइडलाइन एंव उन्ही के प्रारूप अनुसार किया गया । लेकिन इस सरकार ने उसे बदल कर नई गाइडलाइन बना दी । इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दानदाता का नाम अंकित करने के लिए भूमि, भवन, फर्नीचर और उपकरणों पर खर्च होने वाली राशि का 50 से 70 प्रतिशत हिस्सा दानदाता के वहन किया जाना चाहिए । और यदि 75 प्रतिशत खर्च किया जाता है तो सरकारी नाम भी हटा दिया जाता है । 50 प्रतिशत से कम पर नाम नही लिखा जाता । इस मामले में जमीन पूर्व सांसद ने दान की और भवन निर्माण सहित उपकरण का खर्च राज्य सरकार ने वहन किया । सरकार इस भूमि की दर डीएलसी को मान रही है । जबकि दानदाता बाज़ार भाव मानने की बात कह रहे है ।
रिपोर्ट एक्सक्लूसिव की पड़ताल
गाँव में बना पुराना चिकित्सालय जर्जर हालात में है । यह एक मात्र कमरे में संचालित हो रहा है । उसी में चिकित्सक, मैडीकल, लैब आदि का काम होता है । पहले यह सब सेंटर हुआ करता था । प्राथमिक में क्रमोन्नत होने के बाद डॉ के अलावा स्टाफ बढ़ा है । इसलिए बड़े भवन की दरकार है । वही नए भवन में जाते ही यह आदर्श पीएचसी बन जाएगा ।
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बाहर पुराने बोर्ड पर दानदाता के नाम से स्वास्थ्य केंद्र गेट पर लिखा नाम |
पड़ताल - एक तरफ कोर्ट से उम्मीद तो दूसरी ओर स्टे नहीं होने की बात आई सामने
वहीं रिपोर्ट एक्सक्लूसिव डॉट कॉम की ख़ास बातचीत और पड़ताल में सामने आया की दानदाता ने राजस्थान हाई कोर्ट में तत्कालीन कलेक्टर और चिकित्सीय के टीम के साथ हुए एमओयू को आधार मानते हुए वाद दायर किया हुआ हैं जिसका फैसला जल्दी ही आने की बात सामने आ रही हैं तो वहीं दूसरी ओर चिकित्सीय विभाग ने किसी प्रकार का स्टे नहीं होने की बात कही हैं तथा जल्द ही इसको शुरू करने की बात भी सामने आई हैं लेकिन दोनों पक्षों के साथ हुई पड़ताल ने आप सब को वो जरुर दिखा दिया हैं जो आप जानना चाहे थे ।
पड़ताल में सामने आया - लाखो का दान भी दिया गया
नए भवन में ग्रामीणों ने पंखे, कूलर, ऐसी, बड़ा वाटर कूलर, आदि देने की दानदाताओं ने घोषणा भी की थी । इनमे से कुछ लोगो ने प्रदान भी की कर दी थी । बन्द पड़े भवन में चिकित्सा उपकरण सहित सामान भी नकारा हो रहा है ।
रिपोर्ट एक्सक्लूसिव की दोनों पक्षों से खास बातचीत
किये गए एमओयू के तहत नामकरण किया जाकर इसे शुरू कर सकते है । मुझे कोई आपत्ति नहीं है । लेकिन राजनीति के कारण ऐसा नही किया जा रहा । इसलिए मज़बूरन उच्च न्यायालय में वाद दायर करना पड़ा । जल्द ही इसका फैंसला आ जाएगा । - "पूर्व सांसद एंव दानदाता शंकर पन्नू "
कोर्ट में कोई स्थगन आदेश नहीं है । स्वास्थ्य विभाग से पत्र प्राप्त हुआ है । उसी पर ब्लॉक सीएमएचओ को केंद्र की साफ़ सफाई कर रिपोर्ट करने के आदेश दिए है । इसे शुरू करने की कार्यवाही की जाएगी । - "नरेश बंसल मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्री गंगानगर
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