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ठा. रणजीत सिंह श्रीमाल को मिला सम्मान भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी किया गया विशेष डाक आवरण


लव कुमार जैन

दलोट / {जावरा/रिंगनोद}

देवास स्टेट के समय रिंगनोद के जागीरदार रहे ठाकुर रणजीतसिंह श्रीमाल के समाज सुधारक व दानवीर व्यक्तित्व के चलते उनके नाम व चित्र से हाल ही में पोस्ट मास्टर जनरल, इंदौर परिक्षेत्र द्वारा डाक लिफाफे का विशेष आवरण जारी किया गया है। ठाकुर रणजीतसिंह की 130वीं जयंती पर उन्हें यह सम्मान मिला। यह लिफाफा आवरण इस नाम व चित्र के साथ एक महीने तक प्रचलन में रहेगा। इसके बाद डाक विभाग के संग्रहालय में जमा होगा।

डाक विभाग रतलाम अधीक्षक डी.के. सिंघल ने बताया समाज सुधार या अन्य किसी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान पर विभाग के डाक लिफाफे के आवरण पृष्ठ पर किसी शख्सियत के चित्र व नाम का प्रकाशन किया जाता है। 10 अप्रैल को रिंगनोद के रणजीतसिंह श्रीमाल के नाम से यह लिफाफा जारी हुआ। मध्यप्रदेश श्रीमाल हितेश्री संघ उज्जैन व सेंट्रल इंडिया फिलेटेली सोसायटी, सतना के सौजन्य से प्रसारित लिफाफे का लोकार्पण विधायक डॉ. राजेंद्र पांडेय, नटनागर शोध संस्थान सीतामऊ के निर्देशक मनोहरसिंह राणावत, फिलेटेली संस्था अध्यक्ष जतनमल ढोर एवं डाक अधीक्षक डी.के. सिंघल ने रिंगनोद में ही किया। 
रिंगनोद निवासी ठाकुर बसंतसिंह श्रीमाल ने बताया रणजीतसिंह मेरे दादाजी हैं और उनके जीवन संघर्ष, समाज में योगदान व श्रेष्ठ कार्यों के दस्तावेज के साथ विभाग में आवेदन दिया था। तमाम दस्तावेज देखने और इतिहास पता करने के बाद विभाग ने यह लिफाफा व विरूपण जारी किया है। लिफाफे पर ठाकुर रणजीत सिंह के मूल चित्र के अलावा जो रेखाचित्र दर्शाया है उसे विरूपण कहते हैं। रतलाम जिले से इस प्रकार का यह पहला स्पेशल कवर लिफाफा जारी हुआ है।

पोस्ट मास्टर जनरल, इंदौर परिक्षेत्र द्वारा जारी डाक लिफाफे पर रिंगनोद के जागीरदार रहे ठाकुर रणजीतसिंह श्रीमाल को जगह मिली है।

देवास स्टेट के समय जागीरदारी की, विनोबा भावे के साथ भूदान आंदोलन में काम किया

रणजीतसिंह का जन्म 10 अप्रैल 1888 को रिंगनोद के छोटे रावले में हुआ। तब यह देवास स्टेट की जागीर हुआ करती थी। 20 वर्ष की उम्र में जागीरदार बने। 1925 में रिंगनोद जागीर के गांव चौकी में भीषण आग से पूरा गांव तबाह हो गया। तब इन्होंने पूरे गांव में लोहे की चद्दरें लगाकर फिर से बसाहट की। 1950 में भूदान आंदोलन के जनक विनोबा भावे मालवा आए। वे रिंगनोद भी रुके, उनके साथ काम किया।

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