रायसिंहनगर तहसील के चक 29 पी एस ए (बाना वाला) के 100 से अधिक सदस्यों वाले बाना परिवार ने अनूठी पहल करते हुए अपने परिवार की मुखिया श्रीमती तुलसी देवी धर्म पत्नी स्वर्गीय चौधरी रूपराम बाना के निधन पर पुरे गांव में पारिवारिक वानिकी के तहत घर घर पौधारोपण कर अपने परिवार की मुखिया को हरित विदाई दी।पौधारोपण की शुरुआत तुलसी देवी की बेटियों ने अंतिम संस्कार स्थल के पास पौधा लगाकर की। पुत्र साहबराम बाना, रामलाल बाना ने बताया कि उन्होंने अपनी माँ की स्मृति में पारिवारिक वानिकी के तहत 1100 पौधारोपण का संकल्प लिया है। शुरुआत में अपने गांव के सभी घरों में पौधारोपण करवाया है। शेष पोधे आस पास के गाँवो में वर्षा ऋतु में लगाए जाएंगे। देवर हरिपदम बाना ने कहा कि घर पर आने वाले रिश्तेदारों को भी हम इस पहल के बारे में बताकर पारिवारिक वानिकी अपनाने हेतु प्रेरित कर रहे हैं।
क्या है पारिवारिक वानिकी
पारिवारिक वानिकी वनीकरण की नवीन एवं प्रभावी अवधारणा है जो पेड़ को परिवार से जोड़ती है। इस अवधारणा का विकास पर्यावरण समाजशास्त्री श्यामसुन्दर ज्याणी द्वारा वर्ष 2006 में किया गया और अब तक देशभर में पारिवारिक वानिकी के तहत लाखो परिवार 7 लाख से अधिक पेड़ लगा चुके हैं।
"पारिवारिक वानिकी के तहत हम यह प्रयास कर रहे हैं कि प्रत्येक परिवार घर में नए सदस्य के स्वागत और किसी सदस्य के निधन पर स्मृति में पौधारोपण को परिवार की परम्परा का हिस्सा बनाएं।और इस बहाने प्रत्येक परिवार हरियाली बढ़ाने में अपना योगदान दे। मेरी नानी जी श्रीमती तुलसी देवी बाना के निधन पर मेरे ननिहाल ने घर घर पौधारोपण कर सराहनीय कार्य किया है। बाना परिवार की यह हरित पहल अन्य परिवार भी अपनाएंगे ऐसी उम्मीद करता हूँ।"
श्यामसुन्दर ज्याणी, पर्यावरण समाजशास्त्री, राजकीय डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर।
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