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photo zee media |
बिज़नस/नेशनल न्यूज़ । गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (विदेशी संभाग) मुकेश मित्तल ने कहा, ‘यह संज्ञान लिया जा सकता है कि एनजीओ द्वारा वाषिर्क रिटर्न अपलोड ना करने के कारण उन्हें मिले पंजीकरण/नवीनीकरण रद्द किए जा सकते हैं.’ इससे पहले मंत्रालय ने कहा था कि 15 मई से 14 जून के बीच 30 दिन के भीतर इस तरह के सभी एनजीओ अपने वाषिर्क रिटर्न और उसके साथ जरूरी दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं.
मंत्रालय ने कहा था कि इस अवधि में देरी से वाषिर्क रिटर्न जमा करने के लिए उनपर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाएगा और यह छूट एक बार की गयी व्यवस्था है. नियमों के अनुरूप एफसीआरए के तहत पंजीकरण का नवीनीकरण तब तक नहीं हो सकता जब तक कि संगठन एफसीआरए वेबसाइट पर वाषिर्क रिटर्न जमा ना कर दें.
मित्तल ने कल जारी किए गए सकरुलर में कहा, ‘इस तरह की स्थिति से बचने के लिए एनजीओ से एक बार फिर अनुरोध किया जाता है कि वे तत्काल अपने वार्षिक रिटर्न अपलोड करें.’ सरकार ने अपने आय एवं व्यय के विवरणों का खुलासा ना करने के बाद अनुमानित रूप से पिछले तीन सालों में करीब 7,500 एनजीओ के लाइसेंस रद्द कर दिए.
सरकार की यह योजना ग्रीनपीस, सबरंग ट्रस्ट, इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और 1,300 अन्य एनजीओ पर लागू नहीं होगी जिनका पंजीकरण एफसीआरए के विभिन्न प्रावधानों के कथित उल्लंघन के कारण रद्द किया जा चुका है.
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