(महेंद्रसिंह वर्मा/भादरा)
जयपुर। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी दबंग एवं चर्चित और ईमानदार आईपीएस पंकज चौधरी ने अब पुलिस विभाग के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का खुलासा करने को लेकर बिगुल बजा दिया है। राजस्थान स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के एसपी पंकज चौधरी ने प्रदेश की टॉप ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए खुले आम हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर सोशल मिडिया फेसबुक में अपनी वॉल पर एक पोस्ट की है।
आईपीएस चौधरी द्वारा की गई इस पोस्ट के कुछ ही देर बाद सचिवालय के प्रशासनिक गलियारों में पंकज चौधरी की पोस्ट पर चर्चाएं शुरू हो गई, और भ्रष्टाचाररूपी सरकारी कबुतरों के पंख भी फडफ़ड़ाने लगे है। आईपीएस चौधरी ने शासन सचिवालय/सीएमओ में बैठने वाले उस भ्रष्ट अफसर की इशारे ही इशारे में प्रोफाईल कुंडली भी बना डाली। भ्रष्टाचार के खुलासे की खुली चुनौती, उस आईएएस अफसर की कुंडली को पढकर कई आला प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मची हुई है। सूत्रों के मुताबिक कई अधिकारियों ने इसे लेकर रणनीति बनाई की आखिर आईपीएस पंकज चौधरी से कैसे निपटा जाए।
आईपीएस पंकज चौधरी अपनी ईमानदारी व दंबगता के चलते हमेशा से ही मिडिया की सुर्खियों में रहते हुए पुलिस विभाग में एक से बढ़कर एक नवाचार करते हुए देखे जा सकते है। गौरतलब है कि आईपीएस पंकज चौधरी को लंबे समय से ईमानदार होने के चलते प्रताडि़त किया जा रहा है। वहीं सरकार ने पंकज चौधरी को साल 2014 में हुए बुंदी जिले के नैनवा में सांप्रदायिक दंगे में ढिलाई बरतने के आरोप में की गई कार्रवाई के लिए करीब 18 महिने बाद केन्द्र सरकार को अनुशंषा भेजी है। एक ओर इस मामले आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी का कहना है कि दंगा रोकने का यह पुरस्कार उन्हें मिला है। ऐसी कार्रवाई की अपेक्षा थी। शासन सचिवालय ने 18 महिने से चार्जशीट पेंडिग रखी थी। मैने काफी रिमांडर किए थे ताकि इस पर ये कोई निर्णय लें। अब न्यायालय में सच की लड़ाई लड़ेगे। सभी जनप्रतिनिधि, अपराधी, अधिकारी जिनकी मंशा दंगा कराने की थी वे जल्द बेनकाब होंगे।
👉 *ये लिखा फेसबुक वॉल पर-*
"जिले स्तर के माफियाओं, भ्रष्टों के बाद अब राज्य स्तर के संगठित माफियाओं, भ्रष्टों से जंग शुरु" जयहिदं
*सौजन्य-* स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो
शासन-सचिवालय/सीएमओ में बैठे एक वरिष्ठ आईएएस ने पुरी व्यवस्था को पिछले तीन वर्षों से संगठित रुप से हाईजैक कर रखा है। इसका एक मात्र लक्ष्य अपने 'आका' के लिए दलाली, दलाली और मात्र दलाली है। इसके संगठित भ्रष्टाचार, अवैध गतिविधियां जगजाहिर है, पर बोलने का साहस कोई नहीं कर रहा है। इससे पीड़ित अधिकांश नौकरशाही के बड़े-बडे धुरंधर हैं एवं जन प्रतिनिधि भी है। यह बरसाती मेंढक की एक विशिष्ट प्रजाति में से है जल्द इसके सारे प्रयोजन एवं उच्च स्तरीय सांठगांठ जगजाहिर होगें थोड़ा वक्त लगेगा यह मेंढक सच भी उगलेगा वक्त आने पर... 'वक्त का इंतजार'।
*हुलिया-* सामान्य कद, गंदी नियत, काला दिल, राज्य के बाहर का प्राणी।
*पेशा-* धंधा/गैर कानूनी कार्य।
*तरीका-* सामने न आना, मीडिया से दुरी बनाकर रखना योजना के तहत, सरकारी कमरे के अन्दर घटों बैठकर राज्य एवं राष्ट्र स्तर पर सभी गलत काम।
*प्रभाव-* खामियाजा राज्य/राष्ट्र की आने वाली पीढियां भुगतेगी।
*मिसाल-* सरकारी तन्त्र का बेहद दुरुपयोग कैसे करते है इससे बेहतर उदाहरण राज्य में नहीं है।
*नोट-* जनता की बेहद मांग पर जल्द इसकी फोटो भी शेयर की जायेगी। ताकि इस कलयुगी दानव से सभी रुबरु हो सके।
'जय हिंद, जय भारत, जय संविधान'
✍ *लेखक-* न जाति, न धर्म, न क्षेत्र, देश सर्वोपरी इस स्लोग्न के रचियता भारतीय पुलिस सेवा के प्रतिभाशाली अधिकारी आईपीएस पंकज चौधरी 2009 बैच के आई.पी.एस. अधिकारी हैं। सिविल सेवाओं में 293 रैंक हासिल करके राजस्थान काडर में अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले आईपीएस पंकज लेखन से गहरा लगाव रखते हैं। पुस्तकों से पंकज का पुराना रिश्ता है। अपने कामकाज, राष्ट्रप्रेम और सबको साथ लेकर चलने की मुहिम के साथ-साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ खुली जंग छेडऩे से देशभर के चर्चित युवा आई.पी.एस. अधिकारियों में उनकी गिनती होती है। वर्तमान में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो, जयपुर में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्य कार्यरत हैं।
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