कलेक्टर ने ज्ञापन लेने में की देरी,नाराज करणी सेना ने कलेक्टर के खिलाफ जमकर की नारेबाजी
दिलीप सेन की रिपोर्ट
प्रतापगढ़. आनंदपाल की मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपने गए राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ता कलक्टर के ज्ञापन लेने में देरी करने पर गुस्सा गए। उन्होंने बताया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से कलक्टर को ज्ञापन देने गए थे लेकिन कलक्टर नेहा गिरि ने करीब एक घंटे तक उन्हें बाहर बैठाए रखा और ज्ञापन नहीं लिया। ऐसे में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं में रोष है और वे गुरुवार को इसके खिलाफ सड़कें जाम कर प्रदर्शन करेंगे।
काफी देर चला हंगामा
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना कार्यकर्ता दोपहर में जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपने मिनी सचिवालय पहुंचे। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को मिनी सचिवालय के गेट पर ही रोक लिया। प्रशासन और पुलिस की ओर से पांच जनों को ही ज्ञापन देने के लिए अंदर जाने देने के लिए कहा गया। इस पर कार्यकर्ता दूसरे गेट पर पहुंच गए। पुलिस वहां भी पहुंच गई और उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। इसके बाद पांच जनों के ज्ञापन देने कलक्ट्रेट जाने पर सहमति बनी। करणी सेना के पांच पदाधिकारी ज्ञापन सौंपने कलक्ट्रेट गए। जिला कलक्टर को इसकी सूचना दे दी गई। करीब एक घंटे बाद पांचों जने कलक्टर के खिलाफ नारे लगाते हुए बाहर आए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को जिला कलक्टर के एक घंटे तक ज्ञापन लेने के लिए बैठाए रखने और ज्ञापन नहीं लेने की बात कही। इस पर कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने कलक्टर नेहा गिरि, मुख्यमंत्री और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
एस पी को ज्ञापन सौंप सड़कें जाम की चेतावनी
गुस्साए कार्यकर्ताओं ने कलक्टर नेहा गिरि पर नकारात्मक रवैये का आरोप लगाते हुए गुरुवार को इसके खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्णय किया। उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर बताया कि करणी सेना कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन सौंपने गए थे लेकिन कलक्टर ने ज्ञापन नहीं लिया। ऐसे में उनमें रोष है और वे गुरुवार को इसके विरोध में सड़कें जाम करेंगे। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
प्रधानमंत्री से यह थी मांग
राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना कार्यकर्ताओं की ओर से जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम सौंपे जाने वाले ज्ञापन में आनंदपाल के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई थी। करणी सेना कार्यकर्ताओं ने इसे सुनियोजित तरीके से हत्या का अपराध बताते हुए कहा कि आनंदपाल रात के समय सोया हुआ था लेकिन पुलिस ने उसको गिरफ्तार नहीं कर फर्जी मुठभेड़ बताते हुए उसकी हत्या की है। राजस्थान सरकार एवं पुलिस के कुछ प्रभावशाली लोगों ने इसे साजिश कर मुठभेड़ का रुप दे दिया जो कि लोकतंत्र की हत्या जैसा है। ऐसे में मामले में निष्पक्ष सीबीआई जांच करवाई जाकर दोषियों के विरुद्ध हत्या का प्रकरण दर्ज करवाया जा
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