मनजीत सिंह(श्री गंगानगर):-
करीब तीन साल से राज्य सरकार में सता का सुख भोग रहे राज्य मन्त्री सुरेन्द्रपाल सिंह टी टी का अपने ही क्षेत्र के सरकारी कार्यलय के कर्मचरीयो पर कोई नियंत्रण नही है कर्मचारी अपनी मर्जी से सरकारी कार्यलय में आते व जाते है उनको रोकने टोकने वाला
कोई नही है दुःखी जनता इन कर्मचारियों के पीछे पीछे एडियां रगड़ती (भागती) फिर रही है कर्मचारी यहां अपनी मस्ती में मस्त है वहीं जनता पस्त है ।सरकारी कर्मचारी दफ़्तरों में सही
समय पर आये या न आयें इसके लिये मन्त्री टी टी प्रशासन को इन सरकारी दफ़्तरों में बायोमेट्रिक मशीनों को लगवाने के आदेश क्यों नहीं देते इसको लेकर इलाके में तरह तरह की चर्चाऐं हैं। पिछले दिनो इलाक़े में आयें ज़बरदस्त तूफान ने क्षेत्र की जनता को हिलाकर रख दिया था।
लेकिन अपने आपमें सवेंदनशीलता का दम भरने वाले टी टी ने तूफान वाली रात को अफसरो को जनता को संभालने के कोई आदेश नहीं दिए । जिससे पुरा प्रशासन तूफान वाली रात लम्बीतान कर सरकारी बंगलो में दुबका रहा। प्रशासन को चाहिये था नगरपालिका में खड़ी जे सी बी मशीन के साथ सड़कों पर उतरकर लोगों को राहत पहुचाता लेकिन इसके विपरीत ग्रामीणों ने
सारी रात सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाकर जाम सड़कों को खोला। लोग बीच रास्तों में फसे रहे व प्रशासन व मन्त्री टी टी की मदद का इंतजार करते रहे।
तूफान के पन्द्रह दिनो के बाद भी इलाके में विधुत एवम् पानी कीं पूर्ति सुचारू नही हो पाई है। जिससे मन्त्री टी टी व प्रशासन जनता के प्रति कितने सवेंदनसील है।इसकी पोल चोडे आ गई है।मन्त्री टी टी व सरकारी अफसरों की कुम्भकर्णी निन्द्रा को देखते हुये आमजन अब यह सोचने को मजबूर हो रहा है कि अब हमें विधायक या मन्त्री सवेंदनसील चाहिए या सवेंदनहींन ?
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