नकली दवा की चार वैक्सीन जब्त,तार जोधपुर से जुड़े
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर में दिमागी बुखार के लिए एक प्राइवेट हॉस्पिटल में डॉक्टर द्वारा नक़ली जंक्शन का उपयोग किए जाने का भंडाफोड़ हुआ है। औषधि नियंत्रक संगठन के ड्रग इंस्पेक्टरों की एक टीम ने आज दोपहर इस हॉस्पिटल पर छापा मारा, जहां पर नकली वैक्सिंग के साथ मुनाफाखोरी का भी खुलासा हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार दिमागी बुखार के काम में आने वाली असली वैक्सीन की कीमत 4950 रुपए की और इस हॉस्पिटल में नकली दवा 3500 रुपए में ब्रिकी की जा ही थी।
दिमागी बुखार यानी मेनिनजाइटिस नामक डिजीज लिए काम आने वाली वैक्सनी जोधपुर से लाकर श्रीगंगानगर में उपयोग में लेकर ओवरडोज मुनाफा कमाया जा रहा था। जयपुर की एक सूचना पर औषधि नियंत्रण संगठन श्रीगंगानगर की टीम ने आज दोपहर श्रीगंगानगर में मीरा चौक स्थित सत्यम मल्टी स्पेशिलिटी हस्पताल पर औचक कार्रवाई करते हुए दिमागी बुखार की नकली वैक्सीन जब्त की। मौका पर डॉ. किरण गर्ग के फ्रीज से चार वैक्सीन जब्त की गई है। डॉ. किरण कुमार गर्ग ने कहा कि जोधपुर के वर्धमान मेडिकल से दिमागी बुखार की वैक्सीन की खरीद की गई। लेकिन टीम के समक्ष मौका पर डॉक्टर कोई बिल पेश नहीं कर पाया।
आठ वैक्सीन खरीद करना बताई गई है और इनमें चार वैक्सीन दिमागी बुखार पर बच्चों के लगाने के काम में ली गई है। औषधि नियंत्रण संगठन के ड्रग इंस्पेक्टर पंकज जोशी,रामपाल वर्मा व श्वेता छाबड़ा की टीम ने यह कार्रवाई की है। टीम की छापामार कार्रवाई से अस्पताल का डॉ. किरण कुमार गर्ग के होश तक उड़ गए। वह एकदम सहम सा गया। ड्रग इंस्पेक्टर श्वेता छाबड़ा द्वारा इस हॉस्पिटल में संचालित मेडिकल स्टोर की जांच जारी है। दिमागी बुखार को ही मेनिनजाइटिस कहा जाता है। दिमाग में ज्वर,सिरदर्द, ऐंठन,उल्टी और बेहोशी जैसे समस्याएं पैदा हो होती है। रोगी का शरीर निर्बल हो जाता है। वह प्रकाश से डरता है। कुछ रोगियों बहुत कम की गर्दन में जकडऩे आ जाती है। कई रोगी लकवा के भी शिकार हो जाते हैं। ये सभी लक्षण मस्तिष्क की सुरक्षा प्रणाली के क्रियाशील होने पर कारण प्रकट होते हैं।
ड्रग इंस्पेक्टर पंकज जोशी के अनुसार दिमागी बुखार के उपयोग में नकली दवा इस्तेमाल की जा रही थी। आज सोमवार दोपहर डेढ़ बजे सत्यम मल्टी स्पेशिलिटी हस्पताल पर कार्रवाई करते हुए चार वैक्सीन जब्त करने की कार्रवाई की गई है। प्रथम दृष्टया यह दवा नकली है और डॉ. किरण कुमार गर्ग ने जोधपुर से इसकी खरीद करना बताया है जबकि उसने बिल पेश नहीं किए हैं।
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