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कमाल का हनुमानगढ़ विधुत विभाग..! लापरवाही औऱ लेटलतीफी की भी कोई हद होती हैं


बिजली का सपना कब होगा सच, ढाणियां कब होगी रोशन

हनुमानगढ़ में अभी भी हैं ऑर्डर का इंतज़ार

3 साल से बेवकूफ बना रही सरकार और उसके अधिकारी - मंगेज चौधरी

आज तक शुरू नहीं हुआ योजना का कार्य

जिला परिषद की 8 बैठकों में पिछली में जोरदार हो चुका हंगामा

हनुमानगढ़ (कुलदीप शर्मा) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत आमजन को बड़े-बड़े सपने दिखाये गये । गाँव से लेकर ढाणियों तक बिजली पहुँचाने का वादा किया गया था लेकिन आज तक हनुमानगढ़ जिले में कुछ भी ऐसा देखने को नहीं मिल रहा हैं । वहीं सूत्रों की माने तो सर्वे का कार्य पूर्ण हो चूका हैं लेकिन आज तक ऑर्डर के इंतज़ार में योजना अधर में लटकी हुई हैं ।बयान के मुताबिक, जून 2016 तक कुल 8,242 गांवों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है । सरकार ने 1 मई 2018 तक बाकी 10,357 गांवों तक बिजली पहुंचाने का फैसला किया है ।

क्या हैं योजना 
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यह योजना 20 नवम्बर 2014 को शुरू की गयी थी । इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं को विवेकपूर्ण तरीके से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना, सुलभ बनाने के लिए कृषि और गैर–कृषि फीडर सुविधाओं को अलग–अलग किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण और उप - पारेषण प्रणाली को मजबूत किया जाएगा जिसमें वितरण ट्रांसफार्मर, फीडर और उपभोक्‍ताओं के लिए मीटर लगाना सम्मिलित होगा।

लापरवाह विभाग परेसान उपभोक्ता
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पिछले काफी समय से जिला परिषद की बैठक में हंगामा हो रहा हैं कि पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना कब शुरू होगी लेकिन लगता नहीं कि कोई भी अधिकारी इस योजना को लेकर गम्भीर हैं । जनता परेसान हैं लेकिन अधिकारी अपनी लापरवाहियों से बाज़ आने का नाम नहीं ले रहे है ।

कनेक्शन के नाम पर आमजन से खिलवाड़
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वहीं अगर इस मामले पर नज़र डालें तो अधिकारियों का कहना हैं कि 100 मिटर की दूरी वाले को ही कनेक्शन दिया जाएगा अन्य को कनेक्शन मिलना मुश्किल हो सकता हैं । तो वहीं सायंकाल टाइम्स की पड़ताल में सामने आया कि ऐसी कोई भी ढाणियां शायद ही होगी जो इतनी नज़दीक होगी इसको लेकर भी आगे विवाद की स्थिति उतपन्न होने की संभावना हैं ।


योजना का कुछ कार्य पहले से पूर्ण
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योजना का प्रमुख भाग अलग-अलग फीडर की व्‍यवस्‍था कर उप-पारेषण तथा वितरण नेटवर्क को मजबूत बनाना है और सभी स्तरों जैसे इनपुट पाइंट, फीडर और वितरण ट्रांसफार्मर पर मीटर लगाना है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत पहले ही ‘माइक्रो और ऑफ ग्रिड वितरण नेटवर्क और ग्रामीण विद्युतीकरण’ का कार्य किया जा चुका है।

योजना का क्या हैं बजट
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इस योजना के लिए कुल 43 हजार 33 करोड़ के निवेश की आवश्यकता है। जिसमें से भारत सरकार (योजना की पूरी अवधि में) 33 हजार 4 सौ 53 करोड़ की सहायता देगी। निजी डिस्कॉम एवं राज्य बिजली विभागों समेत सभी डिस्कॉम इस योजना के तहत वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगी। डिस्कॉम विशिष्ट नेटवर्क जरूरत को ध्‍यान में रखते हुए ग्रामीण ढांचागत कार्यों को मजबूत बनाने को वरीयता देंगी और इस योजना के तहत आने वाली परियोजनाओं के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करेंगी। इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए नोडल एजेंसी ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) होगी। आरईसी,  योजना के लागू किए जाने की मासिक प्रगति रिपोर्ट को ऊर्जा मंत्रालय तथा केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट में वित्तीय तथा वास्तविक प्रगति का ब्यौरा दिया जाएगा।

कौन करेगा निगरानी
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ऊर्जा सचिव की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति, योजना के तहत परियोजनाओं को स्वीकृति देती हैं  तथा इनको लागू किए जाने की निगरानी करती हैं । इस योजना के तहत अनुशंसित दिशा-निर्देशों के अनुरूप योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए बिजली मंत्रालय, राज्य सरकार और डिस्कॉम के बीच एक उपयुक्त त्रिपक्षीय समझौता किया  हुआ हैं । जिसमें पावर फाइनेंस कार्पोरेशन एक नोडल एजेंसी होती हैं । राज्य बिजली विभागों के मामलों में द्विपक्षीय समझौते होंगे।

क्या हैं योजना की अवधि
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कार्य के लिए पत्र जारी किये जाने की तारीख से 24 महीनों की अवधि के भीतर योजना को पूरा किया जाएगा।

क्या हैं वित्त पोषण पद्धति
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योजना के अनुदान का हिस्सा विशिष्ट वर्ग राज्यों के अतिरिक्त अन्य राज्यों के लिए 60 फीसदी (अनुशंसित उपलब्धि अर्जित करने पर 75 प्रतिशत तक) और विशिष्ट वर्ग राज्यों के लिए 85 फीसदी (अनुशंसित उपलब्धि अर्जित करने पर 90 प्रतिशत तक) तक है। अतिरिक्त अनुदान के लिए अपेक्षित उपलब्धियां हैं : योजना का समय पर पूरा होना, एटी एंड सी में अपेक्षित कमी और राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी को अग्रिम रूप से जारी करना। सिक्किम समेत सभी पूर्वोत्तर राज्य, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड विशिष्ट वर्ग राज्यों में शामिल हैं।

योजना से क्या हैं लाभ
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दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत वितरण की अवधि में सुधार होना हैं । इसके साथ ही अधिक मांग के समय में लोड में कमी, उपभोक्‍ताओं को मीटर के अनुसार खपत पर आधारित बिजली बिल में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अधिक सुविधा दी जानी हैं । परियोजनाओं को अनुमति देने की प्रक्रिया शीघ्र ही प्रारम्‍भ होनी थी।अनुमति मिलने के बाद परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्‍यों की वितरण कंपनियों और वितरण विभाग को ठेके दिए जाने हैं । ठेके देने की अवधि से 24 महीने के भीतर परियोजनाओं को पूरी किया जाना चाहिए था । लेकिन मामला अभी भी अधर में हैं ।

बीपीएल को योजना का होगा लाभ
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इस योजना के तहत बीपीएल के लोगो को बिजली मुहैया करवाई जाएगी । उनके घरों तक बिजली पहुँचाने के लिए विधुत पोल , ट्रांसफार्मर लगाये जायेंगे । योजना में शामिल गाँव और ढाणियों को निर्बाध बिजली मुहैया कराई जाएगी ।

ग्रामीण विद्युतीकरण की राह में बाधाएं
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देश के ग्रामीण कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं (घरेलू और गैर-घरेलू भार) को आमतौर पर स्थानीय वितरण नेटवर्क से सेवाएं मिलती हैं। देश के अनेक ग्रामीण इलाकों को अपर्याप्त बिजली आपूर्ति का सामना करना पड़ रहा है. जनोपयोगी वितरण सेवाओं को लोड शेडिंग करने के लिए बाध्य होना पड़ता है जिसके कारण कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली की आपूर्ति प्रभावित होती है। ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ताओं के बदलते आधार, जीवन स्तर में सुधार के कारण बिजली की मांग दिन-पर-दिन बढ़ती जा रही है जिसके लिए ग्रामीण बुनियादी ढांचे में वृद्धि की आवश्यकता है। वितरण कम्पनियों की वित्तीय हालत खराब होने के कारण वितरण नेटवर्क में निवेश कम हुआ है। विश्वसनीयता और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आपूर्ति-वितरण नेटवर्क को मजबूत बनाना जरूरी है। बिजली वितरण की व्यावसायिक व्यावहारिकता में सुधार के लिए उपभोक्ताओं की सभी श्रेणियों की मीटरिंग करने की जरूरत है।


11000 आवेदन आये जिले में
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वहीं अगर इस योजना की बात की जाए तो सूत्रों के हवाले से खबरे हैं कि इस योजना के तहत करीबन 11 हज़ार आवेदन उपभोक्ताओं द्वारा किये गए जिनकी प्रक्रिया अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई हैं । लेकिन आज तक ये समझ नही आया कि आज तक सरकार ने इस ओर ध्यान क्यूँ नहीं दिया ।


ऑर्डर बनी समस्या 
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इतनी बड़ी योजना जिसका सूत्रों से पता चला की सर्वे कार्य पूर्ण हो चूका हैं । किसानों, आमजनों और बीपीएल से आवेदन में प्राप्त हो चुके हैं लेकिन अब ऑर्डर का इंतज़ार हैं । अब ये समझ में नहीं आता ये ऑर्डर इतना लटका क्यूँ रखा हैं । इसकी वजह तो अधिकारी, सरकार ही बता पाएगी ।

किसने क्या कहा
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जनता को अभी तक इसका कोई लाभ नहीं मिला हैं बिलकुल ऐसी योजना हैं उसका मुद्दा भी काफी बार उठा हैं लेकिन मामला अधर में ही लटका हुआ हैं । मेरे द्वारा भी सदन में 8 बार लगातार मांग उठाई जा रही हैं लेकिन हर बार सिर्फ गोली दी जाती हैं काम तो इन्होंने करना नहीं होता हैं ----  , मंगेज चौधरी , जिला परिषद सदस्य 

क्या कहा अधिकारी ने
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दूर-दराज तक बिजली पहुँचाने की योजना बनाई गई हैं । इसके लिए सर्वे का कार्य भी पूर्ण हो चूका हैं । बस अभी 5 सितम्बर को जोधपुर अपनी रिपोर्ट भेज देंगे । वहां से प्रक्रिया पूर्ण होते ही हम कार्य शुरू कर देंगे । रामचन्द्र वर्मा ...(अधीक्षण अभियंता, हनुमानगढ़

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