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इमरान प्रतापगढ़ी विवाद : नांदेड़ का म्युनिसिपल चुनाव सोशल मीडिया पर बना चर्चा का विषय

  
 नांदेड मे म्युनिसिपल इलेक्शन आज संपन्न हो गया पर इसका चुनाव प्रचार अब भी सोशल मीडिया पर बहस का मुद्दा बना हुआ है ..      

लेखक नाजिया फातिमा
मशहूर युवा शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने 
कोंग्रेसी दोस्त के समर्थन मे चुनाव प्रचार मे हिस्सा लिया l ये बात मजलिस समर्थकों को इतनी नागवार लगी की समर्थकों ने पूरा सोशल मीडिया अब्शब्दों से, बिन अधार के आरोपों से भर दिया l अपने विरोध मे मजलिस समर्थकों ने इस पूरे चुनाव को इमरान बनाम ओवैसी बना दिया l जबकी इमरान कोई सियासी शक्सियत नही है न ही किसी सियासी पार्टी से कोई ताल्लुक़ रखते है l  इमरान के नाम से मजलिस खेमे मे मची हलचल कहीं ना कहीं इमरान के बढते लोकप्रियता कि तरफ इशारा करती है l एक युवा शायर के दो दिन के प्रचार से मजलिस खेमा इतना खौफ खाया है की ओवैसी बंधु खुद दस दिन नांदेड़ चुनाव प्रचार मे लगे रहे l

इमरान ने अपने प्रचार मे तालीम की बात रखी, बेहतर व्यवस्थाओं की बात की, 2019 इलेक्शंस के तय्यारी की बात रखी , इन पाँच सालों मे बदले हुए हालत का आईना दिखया और हिकमत की बात की l उधर मजलिस के प्रचार मे जज़्बाती बातें थि, मज़हबी नारे थे और इमरान के खिलाफ बयान बाज़ियां थि l इमरान ने हिंदू मुसलिम भईचारे पर ज़ोर दिया तो मजलिस को अपना इत्तिहाद का नारा कमज़ोर पढता दिखाई दिया दिया और इसी बात की झुँझलाहट मजलिस समर्थक मे साफ देखी जा सकती है l मजलिस समर्थकों के अपशब्दों पर इमरान का संयम, इमरान के आत्मविश्वास को दर्शाता है और समर्थकों की घबराहट उनके डर का सबूत है l

ओवैसी बनाम इमरान की तुलना ही ग़लत है l ओवैसी एक मंझे हुई सियासतदां है और इमरान एक युवा शायर l  नांदेड चुनाव का नतीजा चाहे जो भी हो इमरान के सकरात्मक प्रचार ने ये ज़रूर साबित किया है की चुनाव सिर्फ़ मज़हब को मुद्दा बनाने का नाम नही है l

एक मामूली से शायर के प्रचार ने मजलिस कि नीँद उड़ा के रख दि है , यही इस ३० वर्षिय युवा शायर की जीत है l

लेखक नाजिया फातिमा...!!

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