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छोटे उप चुनाव मेँ बीजेपी के बड़े बड़े चेहरे


श्रीगंगानगर। अपने कद से छोटी बात या मुद्दे को जब कोई अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लेता है तो फिर उसकी पहले से अर्जित प्रतिष्ठा भी दाव  पर लग जाती है। दाव तो दाव है, किसके पक्ष मेँ निकले, कोई नहीं बता सकता। ऐसा ही कुछ कर चुकी है बीजेपी 30 नंबर वार्ड के उप चुनाव मेँ। ठीक ऐसे जैसे पीएम मोदी जी ने अपनी प्रतिष्ठा को गुजरात चुनाव से जोड़ केंद्र सरकार, संगठन को गुजरात फतेह करने के लिए लगा रखा है। ऐसा ही कुछ श्रीगंगानगर के एक वार्ड के उप चुनाव मेँ हो रहा है। बीजेपी की सत्ता और संगठन दोनों 30 नंबर वार्ड को जीतने की कोशिश मेँ लगे हैं। आमने सामने के मुक़ाबले मेँ बीजेपी ने खुद विरोधी का कद इतना बड़ा कर दिया कि क्या कहने! यह खुद विरोधी ने भी नहीं सोचा होगा।  बीजेपी के  जिला अध्यक्ष हरी सिंह कामरा ड्यूटी लगा रहे हैं। संगठन के पदाधिकारी, प्रकोष्ठों के अध्यक्ष के साथ साथ यूआईटी चेयरमेन संजय महिपाल, राजस्थान अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष जसबीर सिंह वार्ड मेँ प्रचार कर चुके हैं। आजू बाजू वाले तो ना जाने कितने ही लगे हैं इस वार्ड मेँ बीजेपी उम्मीदवार के लिए वोट मांगने मेँ। बीजेपी का प्रेस नोट ये बताता है कि मंत्री सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी भी वार्ड मेँ जन संपर्क करेंगे। बीजेपी की लगभग सभी तोप इस वार्ड मेँ उतार दीं गईं है। अगर एक एक तोप को एक एक गली का जिम्मा भी दिया जाए तो गली कम पड़ जाए। इस छोटे से चुनाव मेँ जो जीतेगा, वह केवल दो साल के लिए पार्षद बनेगा। इसके बावजूद इसे इतना महत्व दिया गया है कि बीजेपी हर हाल मेँ इसे जीतना चाहती है, जैसे वह गुजरात चुनाव जीतने उतरी हो। चुनाव परिणाम पता नहीं क्या होगा, लेकिन कल्पना करो कि बीजेपी के हाथ पल्ले कुछ नहीं पड़ा तो! तो इनमें से कौनसा नेता हार की ज़िम्मेदारी अपने सिर लेगा! बीजेपी ने इस छोटे से चुनाव मेँ अपने तमाम नेता उतार कर सामने वाले उम्मीदवार का कद बढ़ाने की ही काम नहीं किया बल्कि उसे महत्वपूर्ण बना दिया है। हालांकि चुनाव मैदान मेँ बीजेपी का मुक़ाबला महिला उम्मीदवार से है, लेकिन मंच पर है दया राम कुलचानिया। जिसका वार्ड मेँ अपना प्रभाव है। पहचान है। संबंध है। संबंध भी आज के नहीं है, पुराने हैं। बीजेपी भी उससे कोई छिपी हुई नहीं है और ना ही दया राम कुलचानिया बीजेपी के नेताओं से अंजान है। हालांकि वार्ड के लोगों से मिलने पर ऐसा नहीं लगता कि दया राम कुलचानिया का उम्मीदवार बीजेपी के इन बड़े बड़े नेताओं के आने से हार रहा है। आज उसकी स्थिति बीजेपी उम्मीदवार की तुलना मेँ बेहतर है। उप चुनाव के लिए वोटिंग म17 दिसंबर को होनी है। कुल 2843 वोटों के इस वार्ड मेँ कुम्हार समाज के वोट सबसे अधिक हैं। दोनों उम्मीदवार कुम्हार समाज के ही हैं। दया राम कुलचानिया वार्ड के पुराने चावल हैं। दया राम के भाई की पत्नी उम्मीदवार है। यह सीट दया राम कुलचानिया की माँ, जो पार्षद थी, के देहांत से रिक्त हुई थी।[govind goyal]

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