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हॉर्डिंग्स, मिठाई के डिब्बों इत्यादि पर भी बेटी बचाओ, बेटी पढाओ के ''लोगो'' लगे

पीसीपीएनडीटी की जिला स्तरीय बैठक में आए सुझाव  

हनुमानगढ़। दो महीने में एक बार होने वाली पीसीपीएनडीटी जिला  स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक शुक्रवार को एडीएम श्री प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिला कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक में पीसीपीएनडीटी जिला सलाहकार समिति की मनोनीत सदस्य श्रीमती गुलाब सींवर ने सुझाव दिया कि सभी प्राइवेट और सरकारी होर्डिंग्स पर बेटी बचाओ, बेटी पढाओ के लोगो लगे तो समाज में अच्छा मैसेज जाएगा। साथ ही सींवर ने बताया कि उन्होने इसकी शुरूआत खुद के लगने वाले होर्डिंग्स से कर भी दी है। बैठक में मिठाई के डिब्बों इत्यादि पर भी बेटी बचाओ, बेटी ढाओ के लोगो लगाने को लेकर संबंधित अधिकारियों को मिठाई की दुकानदारों से बातचीत कर उन्हें इस बारे में प्रेरित करने के निर्देश एडीएम ने दिए।



 बैठक में ये भी सुझाव आया कि जिले के सभी ब्लॉक पर होने वाली बैठकों से पहले 5 मिनट तक पीसीपीएनडीटी को लेकर चर्चा की जाए। एसीएमएचओ डॉ योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से नोहर में इसकी शुरूआत की जा चुकी है।  साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि गणतंत्र दिवस पर पूरे जिले में पौधारोपण का जो कार्यक्रम जिला कलक्टर की ओर से पहले से तय किया जा चुका है उसे अमलीजामा पहनाने में चिकित्सा विभाग पूरा सहयोग करे। ब्लॉक सीएमएचओ इसको लेकर संबंधित अधिकारियों की ड्यूटी लगाए ताकि पौधे लगने के साथ उसकी पूरी रिपोर्टिंग समय पर हो। एडीएम ने बताया कि सभी ग्राम पंचायतों पर पौधे वन विभाग की ओर से अटल सेवा केन्द्रों पर उपलब्ध करवा दिए जाएंगे।



 बैठक में ये सुझाव 
 बैठक में डीपीएम श्रीमती रचना चौधरी ने 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिक दिवस के अवसर पर डॉटर्स आर प्रीसियस( बेटियां अनमोल है) संवाद कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम हेतु जिला स्तर पर 22 जनवरी को सुबह 11 बजे एएनएम ट्रेनिंग सेंटर पर पुन ट्रेनिंग रखी गई है। जो शिक्षण संस्थान 17 जनवरी को आय़ोजित ट्रेनिंग में भाग नहीं ले पाए थे। उन्हें 22 को आमंत्रित किया गया है। अन्य लोग भी आ सकते हैं। 

                           

 बैठक में पीसीपीएनडीटी  के जिला संयोजक श्री महमूद खान ने बैठक में बताया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर डिकॉय ऑपरेशन किए जा रहे हैं। अब तक कुल 5 डिकॉय ऑपरेशन किए गए हैं। सभी में चालन पेश किए जा चुके हैं। डिकॉय ऑपरेशन और जन जागरूकता के चलते जिले में अब शिशु लिंगानुपात की स्थिति सुखद कही जा सकती है। 



0 से 1 वर्ष के शिशु लिंगानुपात के बारे में बताते हुए श्री खान ने बताया कि शिशु लिंगानुपात 0-1 वर्ष का वर्ष 2014-15 में 957, 2015-16 में 970, 2016-17 में 970 और 2017 में अप्रैल से दिसंबर तक 965 रहा। जो अपने आप में पहले के मुकाबले में सुखद कहा जा सकता है। साथ ही श्री खाने बताया कि जिले में पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत कुल 36 केन्द्र रजिस्टर्ड है जिनमें से 24 संचालित है। वर्ष 2017 में कुल 55 केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। साथ ही बताया किि वर्ष 2017-18 में पीसीपीएनडीटी को लेकर 14 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। श्री खान ने बताया कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम व नियमों के उल्लंघन को लेकर 33 परिवाद कोर्ट में विचाराधीन है सभी में प्री चार्ज साक्ष्य में है। 

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