- राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारम्भ
- जिले के 5.52 लाख बच्चे आज खाएंगे एल्बेण्डाजॉल गोली: डॉ. अरूण कुमार
हनुमानगढ़। जंक्शन स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का शुभारम्भ नगर परिषद् सभापति राजकुमार हिसारिया ने बच्चों को एल्बेण्डाजॉल की गोलियां खिलाकर किया। श्री हिसारिया ने कहा कि शरीर में कृमि संक्रमण से शरीर और दिमाग का सम्पूर्ण विकास नही होता। इससे कुपोषण और खून की कमी होती है, जिससे बच्चे में थकावट रहने लगती है। भूख ना लगना, बेचौनी, पेट में दर्द, उल्टी-दस्त व वजन में कमी आने जैसी समस्याएं बढने लगती है, जिससे बच्चों में सीखने की क्षमता में कमी और भविष्य में कार्यक्षमता में कमी आ सकती है। आप सभी अपने बच्चों को एल्बेण्डाजॉल की गोली खिलाएं।
इससे बच्चों के पेट के कृमि की समस्या का समाधान होगा व समुचित पोषण मिलने से उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो सकेगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी और स्कूल आधारित कृमि मुक्ति एक सुरक्षित व सरल कार्यक्रम है, जिससे आसानी से करोड़ों बच्चों को कृमि मुक्त किया जा रहा है। इस अवसर पर विद्यालय के सैंकड़ों बच्चे उपस्थित थे। सीएमएचओ डॉ. अरूण कुमार, आरसीएचओ डॉ. विक्रम सिंह, प्रधानाध्यापिका श्रीमती सीमा भल्ला, श्रीमती वीना खत्री, श्रीमती वीना सेतिया, रामलुभाया तिन्ना सहित स्कूल स्टॉफ ने बच्चों को एल्बेण्डाजॉल की गोली खाकर खिलाई।
सीएमएचओ डॉ. अरूण कुमार ने उपस्थितजनों से कहा कि बच्चों में कुपोषण की रोकथाम, शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कल 8 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति (डीवर्मिंग) दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेण्डाजॉल की आधी गोली व 2 से 6 साल के बच्चे को 1 गोली चबाकर खाने को दी जाएगी। निजी स्कूलों, सरकारी स्कूलों व मदरसों में पढने वाले बच्चों को अध्यापकों द्वारा गोली खिलाई जाएगी। इसके अलावा जो बच्चे स्कूूल नहीं जाते हैं, उन्हें भी आंगनबाड़ी केन्द्रों के मार्फत दवा खिलाई जाएगी। सीएमएचओ ने बताया कि यह दवा पूर्ण सुरक्षित है। स्वस्थ दिखने वाले बच्चों को भी यह दवाई खिलाई जरूरी है, क्योंकि कृमि संक्रमण का प्रभाव कई बार बहुत वर्षों बाद दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि कल 1 से 19 आयु वर्ष के जिले के करीब 5 लाख 52 हजार 433 बच्चों को कृमि नियंत्रण की दवा एल्बेण्डाजॉल निशुल्क दी जाएगी। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग का योगदान रहेगा।
आरसीएचओ डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि कृमि संकमण से बचाव के लिए खुली जगह में शौच नहीं करना चाहिए। खाने से पहले और शौच के बाद अच्छी तरह साबुन से हाथ धोना चाहिए। फलों और सब्जियों को खाने पहले पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए। नाखून साफ व छोटे रहें, साफ पानी पिएं, खाना ढककर रखें और नंगे पांव बाहर ना खेलें, जूते पहन कर रखें। उन्होंने बताया कि बच्चों में यह संक्रमण अस्वच्छता, अस्वच्छ वातावरण, नंगे पैर एवं संक्रमित मिट्टी के सम्पर्क में आने से होता है। इसी कृमि संक्रमण से बच्चों में एनिमिया व कुपोषण होता है, जिसके कारण उनके शारीरिक व मानसिक विकास पर प्रतिकूल असर पड़ता है। एक वर्ष से 19 वर्ष तक के 70 प्रतिशत बच्चे एनिमिया एवं 43 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार होते है, जबकि 15 से 19 वर्ष के 56 प्रतिशत लड़कियों व 30 प्रतिशत लड़कों में एनिमिया पाया जाता है। कार्यक्रम में डीपीएम रचना चौधरी, एनयूएचएम कंसलटेंट जितेन्द्रसिंह राठौड़, आईईसी समन्वयक मनीष शर्मा, दिनेश कुमार एवं मलकीत सिंह उपस्थित थे।
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