जयपुर, । जलदाय मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि राज्य के सीकर जिले में इस वर्ष केवल 292 मिलीमीटर बारिश हुई है, जिससे वहां का भूजल स्तर कम हुआ है। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके सरकार आमजन को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने में कोई कसर नहीं छोडे़गी। उन्होंने कहा कि पानी की उपलब्धता और फिजीबिलिटी को देखकर क्षेत्र में नलकूप और सौलर पंप लगाए जाएंगे। इसके बाद भी कोई कमी रही तो टैंकरों के जरिए जलापूर्ति कर पेयजल की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।
श्री गोयल प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि सीकर जिले में 2017 में 2 हजार 849 हैंडपंप गांवों में 36 हैंडपंप शहरों में सुधारे गए और 508 हैबिटैट में टैंकरों से भी जलापूर्ति की गई। उन्होंने कहा सीकर जिले की छह विधानसभा के 871 गांव तथा छह शहर व झुंझूनूं जिले के छह कस्बे और 329 गांवों को सतही पेयजल योजना से लाभान्वित करने की योजना के सर्वे कार्य करने की स्वीकृति 17 जनवरी 2017 को 453.63 लाख रुपए की राशि जारी कर दी गई है। सर्वे कार्य मैसर्स पीडीकोर, जयपुर को कार्यादेश किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
इससे पहले विधायक श्री गोरधन के मूल प्रश्न के जवाब में श्री गोयल ने बताया कि विधान सभा क्षेत्र, धोद में एक कस्बा लोसल एवं वर्ष 2011 की जनगणनानुसार 160 आबाद ग्राम सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि पाइप्ड जल योजना से लाभान्वित लोसल कस्बे में कुल स्थापित 29 नलकूपों में से 2 नलकूप सूख जाने के कारण स्थाई रूप से खराब हैं तथा शेष 27 नलकूप वर्तमान में चालू हैं।
उन्होंने कहा कि धोद की ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल योजनाओं में कुल स्थापित 387 नलकूपों में से 11 नलकूप तथा 35 डग कम बोर में से 2 बोर सूख जाने के कारण स्थाई रूप से खराब हैं। इस प्रकार इन योजनाओं में वर्तमान में 376 नलकूप एवं 33 डग कम बोर वर्तमान में चालू हैं। उन्होंने क्षेत्र के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में सूखे नलकूप एवं डग कम बोर संबंधी वांछित विवरण सदन की मेज पर भी रखा।
श्री गोयल ने कहा कि विधान सभा क्षेत्र धोद के ग्रामीण क्षेत्र में 29 जनवरी 2018 की स्थिति के अनुसार कुल स्थापित 562 हैण्डपम्पों में से वर्तमान में 194 हैण्डपम्प क्रियाशील, 11 हैण्डपम्प मरम्मत योग्य, 20 हैण्डपम्प नाकारा एवं 337 हैण्डपम्प भू-जल स्तर नीचे चले जाने के कारण सूख गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा प्रदेश में 1 अप्रेल 2017 से चल रहे 41वें विशेष हैण्डपम्प मरम्मत अभियान के दौरान उक्त क्षेत्र में मरम्मत योग्य खराब पाए गए कुल 54 हैंडपम्पों की शिकायतों में से अब तक 43 प्रकरणों में हैंडपम्पों की मरम्मत कर सुधारा गया है। उन्होंने शेष 11 मरम्मत योग्य खराब पाए गए हैण्डपम्पों संबंधी वांछित विवरण सदन के पटल पर रखा।
श्री गोयल ने कहा कि धोद के कस्बा लोसल एवं ग्रामीण क्षेत्र में 13 नलकूप एवं 2 डग कम बोर सूख जाने से स्थाई रूप से खराब होने के कारण इनकी मरम्मत का कार्य संभव नहीं है। इनकी जगह आवश्यकतानुसार 9 नवीन नलकूप के निर्माण कार्य की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जनवरी, 2018 में जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि 11 हैंडपंपों एवं समय-समय पर खराब होने वाले अन्य हैंडपंपों की मरम्मत का कार्य हैंडपंप मरम्मत अभियान में सतत प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है।
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