हनुमानगढ़:-विश्व में 11 करोड़ राजस्थानी फिर भी गूंगा है राजस्थान


राजस्थानी को मान्यता मिलने से हर एक राजस्थानी को मिलेगा हक
रिपोर्ट एक्सक्लूसिव,पीलीबंगा। श्रीपति कन्या महाविद्यालय पीलीबंगा में विश्व मातृभाषा दिवस पर राजस्थानी भाषा पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य सतीश शर्मा ने की। राजस्थानी छात्र मोर्चा के हनुमानगढ़ संयोजक हरीश हैरी ने कहा कि पूरे विश्व में राजस्थानी बोलने वालों की संख्या 11 करोड़ से भी ऊपर है।नेपाल,पाकिस्तान,अमेरिका आदि देशों में राजस्थानी भाषा को मान्यता प्राप्त है।अमेरिका में तृतीय भाषा के रूप में विश्वविद्यालय में राजस्थानी भाषा पढ़ाई जाती है।

राजस्थानी भाषा हर दृष्टि से समृद्ध होने के बावजूद राजनैतिक उपेक्षा के कारण संविधान की आठवीं अनुसूची में अब तक शामिल नहीं की गई है।25 अगस्त 2003 को राजस्थान सरकार ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करवा कर केंद्र सरकार को भेज दिया मगर 14 वर्ष बाद भी यह वनवास पूरा नहीं हुआ।इतने स्पष्ट बहुमत के बाद भी यदि सरकार राजस्थानी के बारे में नहीं सोचती है तो समय आने पर राजस्थान की जनता भी सरकार के बारे में नहीं सोचेगी।

इसके बाद हरीश हैरी ने बताया कि राजस्थानी में पति-पत्नी के 500-500,ऊँट के 150 व लाठी के 60 से अधिक पर्यायवाची मिलते हैं।12 महीनों ने होने वाली बरसात के नाम भी अलग-2 होते हैं।सावन में लोर,भाद्रपद में झड़ी,अश्विनी में मोती,कार्तिक में कटक,मार्गशीर्ष में फांसरड़ो,पोष में पावठ, माघ में मावठ,फाल्गुन में फटकार,चैत्र में चड़पड़ाट, बैसाख में हळोतियो,ज्येष्ठ में झपटो तथा अाषाढ में होने वाली बरसात सरवांत कहलाती है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के व्याख्याता श्यामसुंदर स्वामी,कुलदीप शर्मा,नीलमा देवी,सुनीता कुमारी,सुरेन्द्र सिंह शेखावत,एडवोकेट अर्जुन सिंह नरूका आदि उपस्थित थे।प्राचार्य सतीश शर्मा ने ज्ञानवर्धक व रोचक कार्यक्रम हेतु आभार प्रकट किया।

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