नेशनल। ताजमहल को तेजोमहालय बताने वाले हिंदूवादी नेताओं को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने करारा झटका दिया है। उसने पुरातत्व विभाग के साथ मिलकर कोर्ट में दायर किए गए जवाब में कहा कि ताजमहल के शिवालय होने का कोई सबूत नहीं है, बल्कि यह शाहजहां द्वारा बनवाया गया मकबरा है। बता दें कि बीजेपी और कई हिंदूवादी नेता ताजमहल को लेकर दावा कर रहे थे कि यह मकबरा नहीं, बल्कि तेजो महालय है।
यह जवाब सिविल जज थर्ड सीनियर डिविजन में दाखिल किया गया है। जवाब में साफ कहा गया है कि ताजमहल शिवालय है, ऐसा कोई सबूत नहीं है। जवाब में यह भी कहा गया है कि शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था। इस संबंध में कई शासनादेश और कई सबूत हैं। ताजमहल एक संरक्षित स्मारक और भारत सरकार की संपत्ति है। मुद्दई द्वारा फूलपत्ती, कलश आदि का जो अर्थ लगाया गया है, वह काल्पनिक है। बता दें कि ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने 1628-1658 में अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने भी ताजमहल को तेजो महालय कहा था। बता दें कि अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ ने आठ अप्रैल-2015 को अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि ताजमहल मंदिर है। उन्होंने अपनी याचिका में ताजमहल को शिव मंदिर होने का दावा किया था। इस मामले में प्रतिवादी के रूप में सरकार और पुरातत्व विभाग ने अपना जवाब दाखिल किया है।

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