व्यापार। नीरव मोदी की पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों से मिलीभगत करके हजारों करोड की धोखाधड़ी करने के बाद अब सरकार और रिजर्व बैंक जागी है। वित्त मंत्रालय ने अब 250 करोड़ से अधिक का लोन लेने वाली कंपनियों के लिए अलग से नियम तैयार किए हैं।
250 करोड़ रुपए से अधिक के लोन अब बैंकों के कंसोर्टियम द्वारा दिए जाएंगे। इसमें एक से अधिक बैंक मिलकर ऋण प्रस्ताव पर विचार विमर्श करने के बाद निर्णय करते हैं। इसमें एक से अधिक बैंकों की जिम्मेदारी होने से इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा।
कंसोर्टियम के तहत कर्ज देने से सभी बैंकों के पास समान दस्तावेज समान जमानत और वित्तीय नियंत्रण होता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कर्ज प्रक्रिया को और कड़ा बनाने का फैसला किया है। नए नियमों में प्रमोटरों को अग्रिम पूंजी देने के लिए कहा जाएगा। कंपनियों की घाटा सहने की क्षमता का भी ध्यान रखते हुए प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय बैंकों द्वारा किया जाएगा। इससे धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी, वहीं बैंकों के बोर्ड डायरेक्टर का दबाव भी कम होगा।
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