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सर्मपण की भावना के साथ कर्तव्यों का पालन कर रहें है बहादुर सैनिक


हवलदार हरपाल सिंह : 10 जैक राईफल
श्रीगंगानगर, 23 अगस्त। पठानकोट से महज 40 कि.मी. दूरी पर स्थित बोरी गांव हिमाचल प्रदेश में र्स्वगीय हवलदार मेकराम के घर में जन्में।  हरपाल सिंह अपने परिवार के सबसे छोटे व लाडले थे। बचपन से ही सेना के प्रति लगाव और पारिवारिक परम्परा का निर्वाह करते हुए पढाई पूरी करने के पश्चात सन 1996 में सेना में भर्ती हो गये। कडे प्रशिक्षण के पश्चात उनको भारतीय सेना की अग्रणी बटालियन 10 जम्मू एवं कश्मीर राईफल्स में भेजा गया। शारीरिक रुप से मजबूत होने के कारण वे हमेशा अब्बल स्थान पर आते रहे। 
    हवलदार हरपाल सिंह  वर्ष 2008 में जम्मू कश्मीर राज्य के उडी सैक्टर में नियंत्राण रेखा पर गश्त दल के कमाण्डर थे। मौसम की विषम परिस्थति होने के बावजूद बारिश व कीचड में तैनाती के दौरान फिसल कर माईन वाले इलाके में दुर्घटना ग्रस्त हो गये।  फलस्वरुप उन्होंने अपना बॉंया पाव खो दिया। ये बहुत ही उत्साही तथा प्रेरित सैनिक है जो हमेशा दिये गये कार्य को पूरा करने की क्षमता रखते है। ये वर्तमान में श्री गंगानगर में अपनी बटालियन के साथ सेवारत है तथा सर्मपण की भावना के साथ कर्तव्यों का पालन कर रहें है।  

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