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हस्तनिर्मित साड़ियों की सीएम ने की प्रशंसा तो महिलाओं ने की साड़ी भेंट,गौरव यात्रा में महिलाओं को प्रोत्साहन


बाड़मेर। राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसको लेकर प्रदेश में सत्ता संभाल रही बीजेपी ने रणनीतिक तैयारी तेज कर दी है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खुद राजस्थान गौरव यात्रा पर निकली हैं. इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों का दौरा कर रही हैं. इसी कड़ी में सीएम वसुंधरा शनिवार को बाड़मेर जिले में पहुंची। सीएम के बाड़मेर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया. 
इस दौरान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का ग्रामीण विकास एंव चेतना संस्थान, बाड़मेर की अध्यक्ष रूमा देवी ने गौरव यात्रा कार्यक्रम में सीएम राजे से मुलाकात कर बाड़मेर की हस्तनिर्मित साड़ी भेट कर सम्मान किया. और उन्होंने संस्थान के काम की खूब सरहाना की. उन्होंने कहा कि बाड़मेर के दस्तकारों द्वारा बनाए हुए उत्पाद उन्हें खूब पसंद आते है और वो उन्हें नियमित उपयोग करती है. इस दौरान हस्तनिर्मित की दो हजार महिलाए उपस्थित थी. वहीं राजे ने महिलाओ की लगी प्रदर्शनी का बारीकी से अवलोकन भी किया और महिलाओ से बातचीत की.आपको बता दे कि प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया बाड़मेर की ग्रामीण महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित साड़ी की कायल हैं. उन्होंने कई बार बाड़मेर से हस्तनिर्मित साड़ी को खरीदकर मंगवाई है. दरअसल 2015 में आपका जिला आपकी सरकार कार्यक्रम के दौरान बाड़मेर प्रवास के वक्त जिले की ग्रामीण विकास संस्थान की अध्यक्षा रूमा चौधरी ने महिलाओं द्वारा हस्तनिर्मित बुनी हुई साड़ी भेंट की थी जिसपर सीएम राजे ने कहा था कि यह साड़ी बेहतरीन है, यहां की कला विश्व मे अपनी पहचान रखती है. उसके बाद राजे ने कई कार्यक्रमों में बाड़मेर की साड़ी को पहनकर यहां की महिलाओं की मेहनत को प्रोत्साहित भी किया है.

संस्थान के सचिव विक्रम सिंह बताते हैं कि सीएम राजे कई बार साड़ियां मंगवाती भी है, इतना ही नहीं भेंटस्वरूप दी गई साड़ी की रकम भी कुछ समय बाद भिजवाई जाती है. उन्होंने कहा कि राजे का मानना है कि साड़ी भले ही भेंट की गई है लेकिन इसको बुनने में ग्रामीण महिलाओं की कई दिनों की मेहनत लगी है जिसका परिश्रम देना जरूरी है. सीएम महिलाओं के सम्मान में साड़ी की रकम भेंट करती है.

ट्रेड बदला
जिले के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का रोजगार हस्तनिर्मित कला है जिसे स्थानीय भाषा मे भरत कहा जाता है. पहले इसमें चादर एवं राली की बुनाई होती थी लेकिन अब वक्त की मांग के साथ ट्रेड बदल दिया है. अब उनका स्थान साड़ी, फ्रॉक, तकिया कवर, बैग्स ने ले ली है.

मुख्यमंत्री राजे शनिवार को बाड़मेर जिले के गुढामालानी में विभिन्न विकास कर्यों के लोकार्पण, शिलान्यास एवं लाभर्थियों से संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि जब मन में इच्छा शक्ति और ईमानदारी से काम करने का संकल्प हो तो संसाधनों की कमी नहीं रहती और जब काम होता हुआ दिखता है तो लोग भी साथ आते हैं। हमने पूरी पारदर्शिता के साथ कुशल प्रबन्ध करजनता का पैसा जनता के विकास कार्य पर ही खर्च किया है औरबिना भेदभाव प्रत्येक जाति को गले लगाया है. राज्य के प्रत्येक व्यक्ति की खुशहाली हमारी जिम्मेदारी है और विकास कार्यों के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है.

राजे ने राज्य में बालिका एवं महिला कल्याण, महिला सुरक्षा, किसान, सैनिक कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बिजली-पानी एवं विकास के अन्य क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यो की जानकारी दी. मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अपने बाड़मेर सम्बोधन में कहा है कि कभी पिछड़े समझे जाने वाले बाड़मेर जैसे जिले आज विकास यात्रा में आगे निकल चुके हैं और अब वह दिन दूर नहीं जब शिक्षक, डॉक्टर, उद्यमी और अन्य लोग बाड़मेर-जैसलमेर जिलों में काम करने के लिए दौड़ेंगे. इच्छाशक्ति, ईमानदारी से प्रयास, ईश्वर की कृपा, संतों के आशीर्वाद और जन सहयोग से ही यह बदलाव आ रहा है.

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