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टीवी पर विज्ञापन के लिए प्रमाणिकरण जरूरी


     
भारत चुनाव आयोग ने एमसीएमसी प्रकोष्ठ का दिया प्रशिक्षण
श्रीगंगानगर। भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली की ओर से गुरूवार को आगामी विधानसभा आमचुनाव 2018 के मध्य नजर एमसीएमसी प्रकोष्ठ के संबंध में प्रदेशभर के सभी जिलों में गठित प्रकोष्ठों के प्रभारियों को प्रशिक्षण दिया। श्रीगंगानगर में गठित एमसीएमसी प्रकोष्ठ में उपजिला निर्वाचन अधिकारी नखतदान बारहठ सहायक सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी रामकुमार राजपुरोहित व सदस्य सुंदर मिश्रा व दुरदर्शन के वी.सी. भारद्धाज ने प्रशिक्षण में भाग लिया।
प्रशिक्षण में बताया कि इलैक्ट्रोनिक चैनलों पर चलने वाले विज्ञापन का प्रीसर्टीफिकेशन जरूरी है। इलैक्ट्रोनिक चैनलों पर मतदन से 48 घण्टे पूर्व में विज्ञापन का प्रसारण नही किया जाएगा। प्रशिक्षण में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने विडियों क्रांफ्रेंसिंग के माध्यम से फेंक न्यूज पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि नामाकंन की घोषणा के साथ ही यह प्रकोष्ठ प्रभावी हो जायेगा तथा प्रतिदिन विभिन्न समाचार पत्रों व इलैक्ट्रानिक चैनलों के समाचारों पर निगरानी रखेगा। जहां कही पैड न्यूज की संभावना होगी। मीडिया प्रकोष्ठ उस पैड न्यूज को जिला स्तर पर गठित एमसीएमसी प्रकोष्ठ के प्रभारी व जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष रखेंगें। समिति तय करेगी कि कौनसा समचार पैड न्यूज की श्रेणी में आता है। अगर कोई समाचार पैड न्यूज की श्रेणी में माना जाता है तो आरओ के माध्यम से संबंधित उम्मीदवारों को नोटिस जायेगा तथा नोटिस प्राप्ति के 48 घंटे में उतर देना होगा। अगर उम्मीदवार स्वीकार कर लेता है तो पैड न्यूज की राशि उम्मीदवार के खर्चें में शामिल कर दी जायेगी। अगर अस्वीकार करता है तो एमसीएम कमेटी पुनः निर्णय करेगी तथा पैड न्यूज होने का निर्णय लेकर उम्मीदवार को सूचित करते हुए उसे खर्चे में राशि शामिल की जायेगी।
अगर कोई उम्मीदवार एमसीएमसी के निर्णय से संतुष्ट नही है तो वह राज्य निर्वाचन आयोग में  48 घंटे में अपील कर सकता है। पैड न्यूज में किसी उम्मीदवार विशेष के पक्ष में या विरूद्ध समाचार छापना या विश्लेषण प्रकाशित करना तथा इलेक्ट्रानिक चैनलों में चुनाव से संबंधित विश्लेषण पैड न्यूज से संबंधित माने जायेगें। मीडिया सैल प्रतिदिन मॉनिटरिंग कर पैड न्यूज का चयन करेगा, पर्यवेक्षकों द्वारा उपलब्ध करवाई गई या राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त शिकायत द्वारा या स्वप्रेरणा से पैड न्यूज को एमसीएमसी प्रकोष्ठ में रखा जायेगा। एमसीएमसी प्रकोष्ठ द्वारा पैड न्यूज मान लेने के बाद समाचार पत्रा की कतरन के साथ पूरी रिपोर्ट आयोग को भेजी जायेगी।

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