सही पोषण, देश रोशन’ की थीम पर सितंबर मनाया जा रहा है ‘पोषण माह’
हनुमानगढ़़।(Report Exclusive) पोषण अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सितंबर माह में अनेक गतिविधियां आयोजित कर रहा है। भारत सरकार के निर्देशानुसार ‘सही पोषण, देश रोशन’ की थीम पर सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत विभाग ने सभी खण्ड अधिकारियों को विभिन्न गतिविधियां एवं अभियान के उद्देश्य पूरे करने संबंधी कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय पोषण मिशन का शुभारंभ 8 मार्च 2018 को राजस्थान के ही झुंझूनु जिले से प्रधानमंत्री ने किया था। इसके तहत टेक्नॉलोजी के माध्यम से कार्यक्रम में लक्षित दृष्टिकोण और मेल-जोल का प्रयास किया गया है ताकि स्टंटिंग के स्तर को घटाने, कुपोषण, एनीमिया तथा जन्म के समय बच्चों के कम वजन की समस्या सुलझाई जा सके।
सीएमएचओ डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि पोषण अभियान का उद्देश्य सेवा सुनिश्चित एवं टेक्नोलॉजी के उपयोग से कार्रवाई करना, व्यवहार में परिवर्तन लाना तथा अगले कुछ वर्षों में निगरानी के विभिन्न मानकों के अनुसार निर्धारित लक्ष्य हासिल करना है। समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों को चरणबद्ध तरीके से 2020 तक कवर किया जाएगा। इससे पहले देश में उच्च सर्वोच्च स्तर पर कभी भी पोषण को इस तरह की प्रमुखता नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि छह से 59 माह के बच्चों और 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं में एनीमिया में कमी लाना है।
आईईसी-सीओ मनीष शर्मा ने बताया कि अभियान को लेकर सीएमएचओ को जिलास्तर पर एवं बीसीएमओ को खण्ड स्तर पर नोडल अधिकारी लगाया गया है। सितंबर माह यानि पोषण माह के दौरान एएनसी का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जाएगा ताकि कोई भी गर्भवती महिला इससे वंचित न रहे। जन्म के एक घण्टे के अंतराल में स्तनपान हो सके और अन्य गतिविधियां सुनिश्चित हो सके। वहीं स्वच्छता व बेहतर स्वास्थ्य पर जोर के साथ ही किशोरी बालिकाओं को जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पोषण अभियान के हिस्से के रूप में जन आंदोलन प्रारंभ करने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एक कॉलर ट्यून और रिंगटोन विकसित की है ताकि अभियान के लक्ष्य सही पोषण देश रोशन को लोकप्रिय बनाया जा सके। पोषण अभियान के कॉलर ट्यून और रिंगटोन भी जारी किए गए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से पोषण मेला आदि भी आयोजित किए जाएंगे जिनमें स्वास्थ्य विभाग अपनी भूमिका निभाएगा। वहीं किशोरियों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं पर फोकस करके कुपोषण की समस्या का समग्र रूप से समाधान निकाला जा रहे हैं
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