नई दिल्ली(जी.एन.एस) सेंसेक्स ने कल 468 अंक, जब की आज 509 अंकों का लगाया था गोता
रुपए में कमजोरी और ग्लोबल बाजारों से मिले कमजोर संकेतों से आज शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए हैं। बाजार में पिछले दो दिनों से लगातार काफी गिरावट आटी दिख रही है। कारण कुछ भी हो लेकिन बाजार में रोकाण कर रहे इन्वेस्टर्स ने सिर्फ दो ही दिनों में करीबन ३.६५ लाख करोड़ रुपये गँवाए है। इस प्रकार, रुपये ने बाजार को फिर से तोड़ने के साथ ही आज गिरावट दर्ज की। एक अनुमान के मुताबिक, शेयर बाजार में आज के पतन के कारण इन्वेस्टर्स ने 2.11 लाख करोड़ रुपये गँवाए है। अगर कल की बात करें तो, बीती कल बाजार में ४६८ पॉइंट की कमजोरी से निवेशकों के 1.54 लाख करोड़ रुपए डूब गए थे।
कारोबार के अंत में आज सैंसेक्स 509.04 अंक यानि 1.34 फीसदी गिरकर 37,413.13 पर और निफ्टी 150.60 अंक यानि 1.32 फीसदी गिरकर 11,287.50 पर बंद हुआ। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में आज गिरावट देखने को मिली है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1.36 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 1.25 फीसदी गिरकर बंद हुआ है। निफ्टी का मिडकैप 100 इंडेक्स 1.34 फीसदी गिरकर बंद हुआ है। बैंकिंग, फार्मा, ऑटो, मेटल और आईटी शेयरों में गिरावट देखने को मिली है। बैंक निफ्टी 394 अंक गिरकर 26807 के स्तर पर बंद हुआ है। इसके अलावा निफ्टी आईटी में 0.70 फीसदी, निफ्टी फार्मा में 1.60 फीसदी, निफ्टी ऑटो में 1.50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
मंगलवार को भी घेरलू शेयर बाजार की पिटाई जारी रही। प्रमुख सूचकांक लगातार दूसरे सत्र में बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई का सेंसेक्स दो सत्रों में करीब 1,000 अंक तक टूट चुका है। बाजार पर बिकवाली का दबाव है। रुपये की गिरावट जारी है। मंगलवार को रुपया नए रिकॉर्ड स्तर तक लुढ़का. इसने कारोबार के अंतिम घंटों में बाजार की कमर तोड़ दी। ट्रेड वॉर की बढ़ती चिंताओं के चलते भी कारोबारियों का मिजाज बिगाड़ रहा. कच्चे तेल की महंगाई से देश भर में वैसे ही हाहाकार मचा हुआ है। बीएसई के सेंसेक्स ने 509 अंक या 1.34 फीसदी की बड़ी गिरावट के साथ 37,413 अंक के स्तर पर कारोबार खत्म किया. निफ्टी50 इंडेक्स भी 151 अंक या 1.32 फीसदी का गोता लगाकर 11,288 के स्तर पर बंद हुआ। यह बीते छह महीने में बाजार की सबसे बड़ी गिरावट है। निफ्टी50 पैक में कोल इंडिया के शेयरों ने 1.72 फीसदी तक की छलांग लगाई।
इसके अलावा सिर्फ महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, इंफोसिस, बजाज फिनसर्व और एशियन पेंट्स के शेयर ही हरे निशान के साथ सत्र का अंत करने में सफल हो सके। दूसरी तरफ, टाइटन के शेयरों ने 4.5 फीसदी का गोता लगाया. इसके साथ टाटा स्टील, आईटीसी, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, हीरो मोटोकॉर्प, टेक महिंद्रा, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, यूपीएल और भारती एयरटेल के शेयरों में भी बिकवाली का दबाव महसूस किया गया।
मंगलवार के कारोबार के दौरान सभी इंडेक्स लाल निशान के साथ बंद हुए। एफएमसीजी इंडेक्स 2.5 फीसदी और रियल्टी इंडेक्स 2 फीसदी तक लुढ़क गए। एफएमसीजी शेयरों में प्रॉक्टर एंड गैम्बल और इमामी के अलावा सभी शेयर टूटे। रियल्टी इंडेक्स पर सिर्फ ओबेरॉय रियल्टी ही चढ़ा। ऑटो, फाइनेंशियल, मीडिया, मेटल, फार्मा, पीएसयू बैंक और निजी बैंक सेक्टर्स के सूचकांकों में एक से डेढ़ फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गइ। बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयरों में 5 फीसदी की गिरावट आइ। पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन के शेयर 9 फीसदी और हैथवे के शेयर 7 फीसदी तक नरम पड़े। फार्मा शेयरों में सिर्फ सिप्ला और ग्लेनमार्क फार्मा ही चढ़ सके। एफएमसीजी और मेटल इंडेक्स में भी करीब पौने दो फीसदी तक की सुस्ती दिखाई दी।
जिन उभरते मुल्कों का चालू खाते का घाटा बढ़ा है, निवेशकों ने उन देशों के शेयरों और करेंसी को जमकर सजा दी है। लगातार चौथी तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़ने के कारण सोमावर को भारतीय शेयर बाजार 1 फीसदी से अधिक टूटे और रुपये ने भी 72.45 का निचला स्तर छू लिया। रुपये की कमजोरी के बावजूद भारतीय बाजार दूसरे बाजारों से बेहतर स्थिति में बना हुआ है।
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, इस वित्त वर्ष चालू खाते का घाटा जीडीपी के 2.5 से 2.8 फीसदी तक रहने का अनुमान है। कच्चे तेल की महंगाई और रुपये की सुस्ती इसकी मुख्य वजह हैं। फंड मैनेजर्स के अनुसार, इसका दबाव भारतीय शेयर बाजार पर भी नजर आएगा। बिड़ला म्यूचुअल फंड के सीईओ ए बालासुब्रमण्यन ने कहा, “नरम रुपये और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के अलावा चालू खाते का घाटा बढ़ने के कई बड़े कारण हैं। इन वजहों से बाजार सेंटिमेंट दिशाहीन नजर आ रहा है।”
सोमवार को सेंसेक्स 467.65 अंकों की गिरावट के साथ 37,922.17 पर और निफ्टी 151.00 अंकों की गिरावट के साथ 11,438.10 पर बंद हुआ था।
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