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अगले 24 घंटे में ‘बादशाह’ लेंगे ‘वजीर’ की राजनैतिक बलि?


नई दिल्ली। मोदी सरकार को अभी राफेल, नीरव मोदी और विजय माल्या पर देश और विपक्ष को सफाई देते नहीं बन रहा था कि नया मामला उन्हीं के विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर पर यौन उत्पीड़न को लेकर सामने आ गया है। एम जे अकबर का मामला इतना गंभीर है कि मोदी और भाजपा को सूझ नहीं रहा है कि करें तो क्या करें। सूत्रों की मानें तो अगले 24 घंटे में बादशाह यानि प्रधानमंत्री मोदी वजीर को यानि विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर को बर्खास्त कर सकते हैं।
मामला इतना गंभीर है कि लगता है भाजपा और मोदी दोनों मामले को शांति करने के लिए अपने वजीर की राजनैतिक बलि (मंत्री पद से छुट्टी करेंगे) लेंगे। क्योंकि चुनावी मौसम में भाजपा और सरकार दोनों कोई राजनैतिक खतरा मोल लेना नहीं चाहेगी।  एम जे अकबर पर यौन उत्पीड़न का मामला दिनों दिन और गहराता जा रहा है। बिपक्ष भी मामले को तूल देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। बुधवार को पत्रकार सबा नकवी और लेखिका गजाला वहाब ने अकबर के साथ कथित तौर पर अपने बुरे अनुभवों को साझा किया था। वहाब ने दावा किया था कि अकबर उन पर अकसर अपने केबिन में आने का दबाव बनाते थे। जिसके बहाने वो छूने की कोशिश करते थे।
इस बीच ख़बर है कि विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर को अपनी विदेश यात्रा जल्द खत्म करके भारत वापस आने के लिए बोल दिया गया है। वे नाइजीरिया के दौर पर थे उन्हें कहा गया है कि जल्द अपनी यात्रा खत्म करके देश आपस लौटें। भाजपा के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक पार्टी उनके भविष्य को लेकर विचार करेगी। एक नेता ने कहा, ‘इस मसले पर विचार चल रहा है, लेकिन उनकी सफाई भी महत्वपूर्ण है।’ इस बीच सरकार से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘कोई फैसला लेने से पहले पूरा विचार किया जाएगा।
हम बिना सोचे-समझे कोई फैसला नहीं लेना चाहते। यह महिला सुरक्षा से जुड़ा मसला है, जो प्रधानमंत्री के लिए महत्वपूर्ण है। इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’ एक नेता ने कहा, ‘कुछ शिकायतें गंभीर हैं और उन पर विचार किया जा रहा है।’ एक ने कहा कि राजनीतिक दलों और पत्रकारों के बीच अकबर के खिलाफ बन रही राय भी पार्टी के लिए चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा, ‘महिलाओं और उनकी सुरक्षा से जुड़ा मसला जब भी होता है तो बीजेपी हमेशा अपनी सही छवि पेश करने की कोशिश करती है।’ हालांकि एक लीडर ने यह भी कहा कि पीएम मोदी और सरकार अपनी टीम पर भरोसा करने में यकीन करते हैं और विपक्षी दलों के हमलों के चलते उन्हें नहीं छोड़ते। इस बार भी सोच-समझकर फैसला लेना होगा।
बता दें कि ‘मी टू कैंपेन’ के चलते कई महिलाओं की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर मुश्किल में पड़ते नजर आ रहे हैं। मीटू कैंपेन के तहत कई महिलाओं ने उन पर तमाम मीडिया संस्थानों में संपादक रहते हुए यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। फिलहाल यह मामला दिनों दिन और गर्माता जा रहा है।
source Report Exclusive

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