Advertisement

Advertisement

शिक्षित बेटियां परिवार ही नही, देश के विकास में भी योगदान देंगी - जिला कलेक्टर




राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जिला स्तरीय जागरूकता समारोह का आयोजन, विजेताओं को किया पुरस्कृत
श्रीगंगानगर। ‘‘आखिर क्यों हमें बेटियां बचाने, बेटियां पढ़ाने के लिए किसी समारोह का आयोजन करना पड़ रहा है और क्यों राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की जरूरत पड़ी, यह विचारनीय मुद्दा है। दरअसल, हमारी सोच इतनी संकीर्ण हो गई हैं कि बेटियों के प्रति बराबरी का व्यवहार नही करते, उन्हें व्यापक अधिकारों से वंचित रखते हैं और ऐसे ही कुछ कारण है कि जागरूकता कार्यक्रम करने पड़ रहे हैं। बेशक, सोच धीरे-धीरे बदल रही है और बदलाव नजर आ रहा है लेकिन फिर भी इस पर अभी बहुत कुछ करना बाकी है।’’ ये विचार गुरुवार को जिला कलेक्टर श्री शिवप्रसाद मदन नकाते ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। वे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और महिला अधिकारिता विभाग की ओर से जिला स्वास्थ्य भवन में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. नरेश बंसल, उपनिदेशक विजय कुमार, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपिका मोंगा व प्रिंसिपल पूनम खेतान ने विचार व्यक्त किए। वही डॉ. दीपक मोंगा, डॉ. आरके विश्वास व प्रिंसिपल पूजा अरोड़ा मंचासीन हुईं। मंच संचालन व्याख्याता निकिता शर्मा ने किया। 
जिला कलेक्टर श्री नकाते ने कहा कि हमें सोच को बदलने की जरूरत है, पति के बाद ही भोजन करने जैसे दकियानुसी विचार त्यागें। जीवन के हर पड़ाव, मुकाम और हर मौके पर बेटियों को बराबरी का हक देना चाहिए। कई बार बच्चियां आठवी के बाद स्कूल छोड़ देती हैं, हमें प्रयास करना चाहिए कि बेटियों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाते हुए उन्हें शिक्षा से जोडं़े। समाज में सुरक्षा का माहौल बनाएं ताकि बेटियां शिक्षित हों और दे देश का नाम रोशन कर सकें। बेटी पढ़ी-लिखी है तो वह न केवल परिवार बल्कि देश के विकास में भी योगदान देगी। पुरुष के हर क्षेत्रा में मार्गदर्शन करने में सहयोग देंगी। हमें बेटियों के प्रति लगातार सामूहिक प्रयास करने चाहिए। विशेषकर एएनएम, आशा व नर्सिंग स्टाफ देखें कि कैसे महिलाएं कुपोषण की शिकार हो रही हैं। अनेक महिलाओं में खून की कमी होती है, लेकिन महिलाओं के प्रति ध्यान नही दिया जाता, ऐसे में हमें उनका ध्यान रखते हुए उन्हें जागरूक कर पौष्टिक बनाना है। महिलाओं का, खासकर गर्भवती का नियमित चेकअप करें। हम प्रयास करें तो न केवल बच्चे को बचा सकते हैं बल्कि एनीमिया से होने वाली महिला मृत्यु को भी रोका जा सकता है। एक परिवार में महिला की मत्यु होने पर उस परिवार के बच्चों को संभालने की नौबत आ जाती है, इसलिए हमें बेहतर प्रयास करने चाहिए। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. नरेश बंसल ने डॉटर्स आर प्रीशियस थीम पर बेटियों की सुरक्षा, वंशवाद आदि मुद्दों पर विस्तृत विचार रखे। उपनिदेशक विजय कुमार ने राष्ट्रीय बालिका दिवस की महत्ता के बार में जानकारी दी। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपिका मोंगा ने बेहद ही गंभीर शब्दों के माध्यम से बेटियों की महत्ता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बेटियां जैसी बनती हैं, वैसा बनने दें, उन्हें रोके नही, टोके नही। क्योंकि यही आप उनके अधिकारों का हनन कर रहे हैं, टोकते ही आप उसकी पहचान खत्म कर रहे हैं, जबकि बेटी आगे बढ़ेगी तो आपका परिवार ही नही, समाज व देश भी आगे बढ़ेगा। प्रिंसिपल पूनम खेतान ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की सार्थकता पर विचार रखते हुए कहा कि हमारे सामूहिक प्रयास ही एक दिन लिंगानुपात को बराबर लेकर आएगा और वो वक्त दूर नही जब बेटा-बेटी भेद समाप्त होगा और लिंगानुपात बराबर होगा। कार्यक्रम के दौरान प्रतियोगिताओ में विजेताओं और सहयोगी संस्थाओं का सम्मान किया गया।
इन्होंने बढ़ाया मान, हुआ सम्मान
सप्ताह के दौरान टांटिया विश्वविद्यालय, जैन गर्ल्स कॉलेज, आरती मोन्टेंसरी स्कूल, जुबिन नर्सिंग स्कूल, एएनएम प्रशिक्षण संस्थान और जीएनएम स्कूल में मेहंदी, रंगोली, पोस्टर व चित्राकला प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। समारोह में विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। मेहंदी प्रतियोगिताओं में विजेता रही शशी मीणा, रेणु, वेष्णवी, नीतू महेंद्रा, साक्षी, निकिता, सानिया धीगड़ा, दीपिका जांगिड़, पायल राठौड़, पूजा, सूचिता, सरोज, हिमानी, आरजू, स्नहेकौर, कला, सुमनप्रीत व विजयलक्ष्मी को पुरस्कृत किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में विजेता रहे अंशुमन बिश्रोई, तानिया, अरबिंदु, बसंती, उषा, ज्योति, अल्का, सेजल, अनुष्का, वेष्णवी, कुशाल, हनुमान, ज्योति व पूजा और इसी तरह रंगोली प्रतियोगिता में प्रार्थना, अंकिता, खुशबू, दर्शना, राजबाला, सोनू, अंकिता, पूनम, ज्योति गर्ग, रेणु गर्ग, शिवराज सिंह, पूजा, सरोज, प्रियंका, कुलजीत, रेखा, रूकमणी, सीता, काजल, ममता, मुस्कान, निशु व ज्योति को पुरस्कृत किया गया।
प्रश्रोत्तरी प्रतियोगिता हुई, स्वाइन फ्लू काढ़ा पिलाया
कार्यक्रम के दौरान विभाग की ओर से प्रश्रोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित कर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। वही स्वास्थ्य विभाग की ओर स्वाइन फ्लू के प्रति आमजन को जागरूक करते हुए कार्यक्रम दौरान स्वाइन फ्लू नाशक काढ़ा पिलाया गया। वही आईईसी प्रदर्शनी लगाकर आमजन को स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक किया गया। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement