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रेलटेल एंटरप्राइजिज लिमिटेड (आर.ई.एल.) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए

उत्तर रेलवे ने सिगनल प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए

श्रीगंगानगर। रेलटेल कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कम्पनी रेलटेल एंटरप्राइजिज लिमिटेड (आर.ई.एल.) को उत्तर रेलवे के 13 रेलवे स्टेशनों पर पुराने मैकेनिकल सिगनलिंग उपकरणों को बदलने और उनके स्थान पर अत्याधुनिक इलैक्ट्रॉनिक इंटरलकिंग प्रणाली लगाने का कार्य सौंपा गया है। मौजूदा मैकेनिकल सिगनलिंग प्रणाली में सिगनल डाउन करने और पटरियों को बदलने के लिए लीवर फ्रेमों का इस्तेमाल होता है। नई इलैक्ट्रॉनिक इंटरलकिंग सिगनलिंग प्रणाली माऊस के एक क्लिक से ही सिगनल डाउन करने और पटरियों को बदलने में सक्षम होगी ।
    आर.ई.एल. को जिन 13 रेलवे स्टेशनों का कार्य सौंपा गया है उनमें से 3 दिल्ली मंडल और 10 अम्बाला मंडल के हैं। दिल्ली मंडल के 3 स्टेशनों में कलायत, कैथल और पेहोवा रोड और अम्बाला मंडल के 10 रेलवे स्टेशनों में आनन्दपुर साहिब, नंगलडैम, रोपड़ थर्मल प्लांट, बलुआना, गिद्दडबाहा, मलौट, पक्की, पंजकोसी, हिंदूमलकोट और फतुही शामिल हैं। इस परियोजना की अनुमानित लागत  लगभग 87 करोड़ रूपये है ।
    आर.ई.एल. और उत्तर रेलवे के बीच कार्य प्रारम्भ करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह समझौता श्री टी.पी. सिंह, महाप्रबन्धक, उत्तर रेलवे की मौजूदगी (जयपुर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए से) में हुआ। श्री नीरज गुप्ता, मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर/परियोजना/ उत्तर रेलवे एवं आर.ई.एल. के ग्रुप जनरल मैनेजर श्री पी.वी. श्रीकांत ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर उत्तर रेलवे के अपर महाप्रबन्धक, श्री राजेश तिवारी, उत्तर रेलवे के प्रमुख मुख्य सिगनल एवं दूरसंचार इंजीनियर, श्री एस.पी. उपाध्याय, आर.ई.एल. के चेयरमैन श्री पुनीत चावला, आर.ई.एल. के निदेशक श्री ए.के. सबलानिया और आर.ई.एल. एवं रेलवे के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।
    इन नई प्रणाली की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए उत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक श्री टी.पी. सिंह ने कहा कि यह अत्याधुनिक सिगनलिंग प्रणाली रेल परिचालन में संरक्षा और दक्षता को बेहतर बनाने में सहयोगी होगी। हमें इन स्टेशनों पर यह प्रणाली लगाने का कार्य शीघ्रता से पूरा करने की आवश्यकता है।
    परियोजना पर चर्चा करते हुए आर.ई.एल. के चेयरमैन श्री पुनीत चावला ने कहा कि समूचा कार्य दिसम्बर, 2019 तक पूरा हो जायेगा। आर.ई.एल. की टीम इन 13 रेलवे स्टेशनों की सिगनल प्रणाली को उन्नत बनाने के लिए बेहतर तकनीक के इस्तेमाल के लिए प्रतिबद्ध है। 

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