श्रीगंगानगर। जिला कलक्टर श्री शिव प्रसाद मदन नकाते ने कहा कि सीमांत क्षेत्रा विकास योजना में भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर दूरी तक के विकास कार्य लिये जायेगें। किसी परियोजना के लिये बहुत जरूरी होने पर 10 से 20 किलोमीटर की दूरी तक के काम भी प्रस्तावित किये जा सकते है।
जिला कलक्टर मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभा हॉल में आयोजित जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रा विकास योजना से आमजन की जरूरत वाले कार्यो को प्राथमिकता देवें। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग, सामाजिक न्याय, चिकित्सा, विधुत, पेयजल, सड़क, पशुपालन विभाग तथा सुरक्षा एंजेसिंयों के निर्माण कार्यों की आवश्यकताओं में प्राथमिकता के आधार पर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निर्माण व विकास कार्यों के लिये आर्थिक संसाधनों की कोई कमी नही है।
जिला कलक्टर ने कहा कि कोई भी अधिकारी बिना अनुमति के कोई भी मुख्यालय नही छोडेगें। मुख्यालय छोड़ने से पूर्व दूरभाष से स्वीकृति लेनी होगी। विजयनगर क्षेत्रा के जल संसाधन के अधीक्षण अभियंता द्वारा बिना सूचना के मुख्यालय छोड़ने पर उनके विरूद्ध 17 सीसीए की कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
जिला कलक्टर ने कहा कि इस क्षेत्रा में फसलों का जो नुकसान हुआ है, इसके लिये प्रधानमंत्रा फसल बीमा योजना से पात्रा किसानों को लाभ मिलें, इसके लिये संबंधित ऐजेंसी तत्काल अपना सर्वें का कार्य प्रारम्भ करे। जिला कलक्टर ने कृषि विभाग को निर्देश दिये है कि बीमा कम्पनी के जयपुर मुख्यालय से बात कर सर्वे का कार्य तत्काल प्रारम्भ करवाया जाये। जिला कलक्टर ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देश दिये कि जिले में बिजली व पानी के बिलों का भुगतान लम्बित नही रहना चाहिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि जिन कार्यकारी ऐजेंसियों द्वारा जिले में निर्माण व विकास कार्य करवाये जा रहे है, उन कार्यों को निर्धारित अवधि से पूर्व पूर्ण किया जाये। कार्य पूर्ण होने पर सीसी व यूसी जारी करने में किसी प्रकार का विलम्ब नही होना चाहिए। सार्वजनिक निर्माण विभाग के 38 विकास कार्यों को 15 मार्च 2019 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये है। नगरपरिषद के 6 कार्य, जिला शिक्षा अधिकारी के 6 कार्य, जेवीएनएल के 2, एवं जल संसाधन विभाग के एक कार्य लम्बित बताया गया।
जिला कलक्टर ने कहा कि कोई भी अधिकारी राजकीय कार्य कर रहा है, उस दौरान किसी व्यक्ति द्वारा किसी प्रकार की अभ्रदता करने पर उसकी रिकोर्डिंग की जाये तथा पुलिस को सूचना दी जाये। उन्होंने अधिकारियों को भी आगाह किया कि वे अपने संयम को बनाये रखे तथा अपने कर्तव्यों को पूरा करें। जिला कलक्टर ने नहरों में जल की उपलब्धता की जानकारी ली। जल संसाधन के अधिकारियों ने बताया कि आज लगभग 2552 कियोस्क पानी है तथा किसानों को जरूरत के अनुसार पानी मिल रहा है। क्षेत्रा में फसले अच्छी है।
सादुलशहर एवं भागसर नहर वितरिका के मध्य एवं पटट्डों के उपर खडे पेड़ों को हटाने के संबंध में वन विभाग की एनओसी ले ली गई है। लगभग 70-75 पेड है, जिन्हें हटाना जरूरी है। जिला कलक्टर ने उपवन संरक्षक को निर्देशित किया कि एक बार मौका देख ले, जो पेड़ अत्यधिक जरूरी है, उन्हें हटाने के लिये तहसीलदार से मंजूरी लें तथा एक पेड के स्थान पर तीन-तीन पेड पांच फुट उंचाई के लगाने होगें।
जिला कलक्टर ने कहा कि नशें की प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिये पुलिस व औषधि निरीक्षक विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है। इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित दुकानों के बाहर नशा मुक्ति से संबंधित स्लोगन लिखवाये जायेगें तथा रसद विभाग दुकानदारों को बताएगें कि उनके आसपास किसी भी दुकान पर नशीला पदार्थ बिक रहा है, तो उसकी सूचना देंगे। जिला कलक्टर ने आरयूआईडीपी, नगरपरिषद के नाला निर्माण, ईदगाह ईटीपी, सिंथेटिक ट्रेक निर्माण सहित अन्य कार्यो की प्रगति की समीक्षा की तथा नगरपरिषद को व पशुपालन विभाग को निर्देश दिये कि जो पशु नंदीशाला में भेजे जा रहे है, उनके टैग लगाने का कार्य आज से ही प्रारम्भ किया जाये।
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अजीत सिंह, नगरपरिषद आयुक्त श्री अशोक असीजा, न्यास सचिव श्री कैलाशचंद शर्मा, उपवन संरक्षक श्री पयोंग शशि , उपनिदेशक लोक सेवाएं श्री मुकेश बारहठ, जिला शिक्षा अधिकारी श्री शिवराम यादव, अधिक्षण अभियंता आरयूआईडीपी श्री दलीप गौड, सहायक निदेशक औषधि नियंत्राक श्री दलजीत सिंह उप्पल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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