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शिक्षण संस्थाओं को बालवाहिनी की शर्तों की पालना करनी होगी, 7 फरवरी को बनेगी मानव श्रृंखला


श्रीगंगानगर। पुलिस अधीक्षक श्री हेमंत शर्मा  ने कहा कि विधालयी बच्चों की सुरक्षा के लिये सभी शिक्षण संस्थाओं को बालवाहिनी की शर्तों की पालना करनी होगी। उन्होंने कहा कि बालवाहिनी के निर्देशों का अनुसरण करने से अधिकतम दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है।
    श्री शर्मा मंगलवार को पुलिस लाईन के सभाहॉल में बालवाहिनी से संबंधित बैठक में आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बालवाहिनी के संचालकों का पुलिस वेरीफिकेशन करवाया जाये। चालक निर्धारित वर्दी में हो तथा नेम प्लेट होनी चाहिए। बालवाहिनियों के रंग इत्यादि निर्धारित शर्तों के अनुसार हो तथा ऑन स्कूल डयूटी लिखा होना चाहिए। वाहन चालकों का कम से कम पांच वर्ष का अनुभव होना चाहिए। ओटो रिक्शा के बजाय बस, वैन व छोटे चार पहिया वाहनों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार बैठक क्षमता डेढ गुणा से अधिक नही होनी चाहिए। बच्चों की सुरक्षा के लिये बायी ओर चढ़ने उतरने वाले गेट पर लोहे की जाली लगाकर बंद किया जाये। बालवाहिनियों में फस्ट ऐड बॉक्स तथा अग्निशामक यंत्रा होने चाहिए। वाहन में पानी की बोतल व स्कूल बैग रखने के लिये रैक होने चाहिए। वाहन चालकों को सीट बैल्ट का उपयोग करना चाहिए। बालवाहिनी के चालक व परिचालकों को निर्धारित वेशभूषा में रहना चाहिए। बालवाहिनियों में जीपीएस सिस्टम विकसित किया जाये।
7 फरवरी को बनेगी मानव श्रृंखला
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान 7 फरवरी को मानव श्रृंखला बनाई जायेगी। पुलिस अधीक्षक श्री हेमंत शर्मा ने बताया कि 7 फरवरी को प्रातः 11 बजे शिव चौक से मानव श्रृंखला का आयोजन होगा। इसके माध्यम से सड़क सुरक्षा से संबंधित आमजन को जागरूक किया जायेगा। मानव श्रृंखला में कक्षा 9 से उपर की कक्षाओं के विधार्थी भाग ले सकेंगे।
    बैठक में भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी हितिका यासल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सुरेन्द्र सिंह, जिला परिवहन अधिकारी सुमन, जिला शिक्षा अधिकारी श्री हरचंद गोस्वामी सहित विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों ने भाग लिया। 

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