युवती की हत्या का मामला ऑनर किलिंग निकला
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर जिले में सीमावर्ती चक 15 ए में एक युवती की शुक्रवार बड़े तडक़े संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के बाद अज्ञात जनों के खिलाफ दर्ज करवाया गया हत्या का मामला ऑनर किलिंग का निकला है। हत्या के आरोप में पुलिस ने इस युवती के तीन भाइयों ओमप्रकाश, अनिल तथा आत्माराम को आज गिरफ्तार कर लिया। परिवार के अन्य सदस्य भी संदेह के घेरे में हैं। मृतका पांच भाइयों की इकलौती बहन थी। मृतका और पड़ोस में रहने वाली उसकी एक सहेली के दो युवकों के साथ प्रेम सम्बंध थे। यह दोनों युवतियां देर रात को अपने प्रेमी युवकों से मिलने के लिए अकसर निकल जाती थीं। मृतका कृष्णा (17) के परिवार वालों को ही नहीं, बल्कि गांव के अन्य लोगों को भी इसकी भनक लग गई थी। गांव वालों ने इसके लिए कृष्णा के भाइयों को टोकना शुरू कर दिया था कि वे नजर रखें। इससे उनकी ही नहीं, बल्कि गांव की भी बदनामी हो रही है। अनूपगढ़ थानाप्रभारी विजय मीणा ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए शनिवार को बताया कि गिरफ्तार किये गये तीनों युवकों को कल कोर्ट में पेश किया जायेगा। इनके दो और भाइयों व माता पिता आदि परिवार के अन्य सदस्य शक के घेरे में हैं। इनकी भूमिका की भी अभी जांच-पड़ताल चल रही है।
यह हुआ घटनाक्रम
अनूपगढ़ पुलिस को श्रीगंगानगर स्थित कंट्रोल रूम से शुक्रवार सुबह सूचना मिली थी कि चक 15 ए में एक युवती की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। परिवार वाले उसका अन्तिम संस्कार करने जा रहे हैं। इस पर थानाप्रभारी विजय मीणा दलबल सहित चक 15 ए में पहुंचे। मृतक युवती के शव को कब्जे में ले लिया और अनूपगढ़ के सरकारी अस्पताल में मेडिकल बोर्ड से उसका पोस्टमार्टम करवाया। उसके शरीर पर काफी चोटें थीं। सिर में गहरी चोट लगी हुई थी। कृष्णा की संदिग्ध मौत की सूचना उसके घर वालों ने पुलिस को नहीं दी। इस कारण शुरू से ही पुलिस परिवार वालों पर शक कर रही थी।
पुलिस को गुमराह किया
कृष्णा की मौत को लेकर पुलिस ने जब परिवार वालों से पूछताछ की तो उन्होंने गुमराह करना शुरू कर दिया। कृष्णा के भाई ओमप्रकाश ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि शुक्रवार बड़े तडक़े लगभग दो बजे उसकी आंख खुली तो कृष्णा चारपाई पर नहीं थी। परिवार वाले बेसुध-गहरी नींद में थे, जिन्हें उसने उठाया और पानी पिलाया। सभी कृष्णा को ढूंढते हुए गांव के बाहर मेन रोड पर पहुंचे, तो उन्हें सडक़ पर कोई पड़ा हुआ दिखाई दिया। आगे जाकर देखा तो वह कृष्णा ही थी, जिसे वे घर ले आये। घर लाते ही उसकी मौत हो गई। इस पर उन्होंने पड़ोसी श्रवण की पुत्री ममता से पूछताछ की, तो उसने बताया कि उनसे मिलने के लिए दो युवक आया करते थे। युवकों द्वारा दी गई गोलियां वे अपने-अपने परिवार वालों के रात को खाने में मिला देेते थे। परिवारजनों के गहरी नींद में सो जाने पर वे इन युवकों के साथ उनकी गाड़ी में चली जाती थीं। गुरुवार रात को गाड़ी में इन युवकों के साथ उनकी धक्कामुक्की हो गई। वह किसी तरह वहां से निकल आईं। पीछे कृष्णा के साथ क्या हुआ, उसे नहीं पता। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात जनों पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया।
यह हुआ हत्या का खुलासा
थानाप्रभारी विजय मीणा ने बताया कि कृष्णा के किसी युवक के साथ प्रेम सम्बंध होने का पता चलने, रात को उसके अकसर बाहर चले जाने और गांव वालों द्वारा रेाकने-टोकने व बेज्जती होने के उलाहने दिये जाने पर घर वालों ने कृष्णा पर नजर रखनी शुरू कर दी। गुरुवार रात लगभग 12 बजे कृष्णा चुपके से घर से निकल गई। इसके कुछ ही देर बाद घर में जाग हो गई। सभी कृष्णा को ढूंढने लगे। कृष्णा का दुर्गाराम से और उसकी सहेली का कुलविन्द्र सिंह के साथ प्रेम प्रसंग था। तलाश करने के दौरान ओमप्रकाश और उसके भाइयों ने कुलविन्द्र सिंह की कार को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह कार भगाकर अपने घर के पास ले आया। तभी कृष्णा और उसकी सहेली भागकर अपने-अपने घर चली गईं। घर आकर अनिल, आत्माराम और ओमप्रकाश ने गुस्से व तैश में आ गये। उन्होंने लाठी व डंडे से कृष्णा को बुरी तरह से पीट दिया। यही नहीं, उसका गला भी घोंट दिया। कृष्णा अचेत होकर गिर गई। वह जब होश में नहीं आई, तो सभी घबरा गये। गांव के एक आरएमपी डॉक्टर को बुलाकर लाया गया। कृष्णा का उसने चैकअप किया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। थानाधिकारी के अनुसार परिवार वालों द्वारा की गई मारपीट से कृष्णा की मौत हो जाने का पड़ोस के कुछ परिवारों को भी उसी समय पता चल गया था। बावजूद इसके सुबह होने पर कृष्णा का आनन-फानन में अन्तिम संस्कार करने की तैयारी की जाने लगी। इसी बीच किसी ने गुप्त रूप से श्रीगंगानगर पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर दिया। अब इस ऑनर किलिंग का खुलासा हुआ है। पुलिस अभी उन दोनों युवकों से भी पूछताछ कर रही है, जिनके साथ कृष्णा और उसकी एक सहेली के प्रेम सम्बंध थे। पुलिस ने अभी कृष्णा के बाकी परिवार वालो को क्लीन चिट नहीं दी है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इनकी भूमिका की भी जांच-पड़ताल कर रहे हैं।
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