बीकानेर। कलेक्टर कुमारपाल गौतम ने नेकी का एक ऐसा उदाहरण पेश किया है जिसे आने वाले समय में न सिर्फ याद रखा जाएगा बल्कि देश के हर अफसर और बड़े व्यक्ति को प्रेरणा भी देता रहेगा । बीकानेर के कलेक्टर गौतम मंगलवार को नोखा पहुंचे थे, यहां उन्होंने एक छोटे से बच्चे को ढोल बजाते देखा।
इतने मासूम बच्चे को स्कूल जाकर भविष्य संवारने की उम्र में जीवन यापन के लिए संघर्ष करते देख कलेक्टर गौतम का दिल पिघल गया। वे तुरंत बच्चे के पास पहुंचे और पूछा कि पढ़ना चाहते हो? बच्चे ने बताया कि वह पढ़ना चाहता है। इस पर कलेक्टर गौतम ने तुरंत संस्कार इंग्लिश स्कूल के मालिक को फोन करके बुलाया और बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने की बात कही।
स्कूल मालिक ने उसी समय बच्चे को गोद ले लिया। अब बच्चे की बारहवीं तक की पढ़ाई यह स्कूल बिना किसी शुल्क के कराएगा। इतना ही नहीं स्कूल बच्चे को ड्रेस, जूते, बैग व किताबें इत्यादि नि:शुल्क उपलब्ध कराएगा। कलेक्टर को पता चला कि यह मासूम ही अपना घर चलाता है तो उन्होंने पालनहार योजना से बच्चे को जोड़ऩे के तुरंत आदेश दे दिए।
पालनहार योजना के तहत बच्चे को अठारह वर्ष की उम्र तक प्रतिमाह एक हजार रुपए मिलेंगे। इसके अलावा दो हजार एकमुश्त भी दिए जा रहे हैं। बच्चे के परिवार को 15 से 20 हजार रुपए एकमुश्त दिलवाने की बात भी कलेक्टर ने कही है। कलेक्टर गौतम ने बताया है कि कोशिश की जा रही है कि बच्चे के परिवार को उपयुक्त रोजगार उपलब्ध हो जाए।
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