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आदेशों के बावजूद अधिकारी नहीं हटवा पा रहे कब्जा
आदेश-निर्देश के कागजो में उलझा अतिक्रमण का मामला
रायसिहनगर।(सतवीर सिंह मेहरा) कहते है की जब समाज में अच्छा रसूख हो तो व्यक्ति कुछ भी बिना किसी डर के करने को तैयार हो जाता है। ऐसा ही एक मामला रायसिंहनगर के गाँव 34 पीएस से जुड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सांवतसर के 34 पीएस में कुछ व्यक्तियों ने अहाता संख्या 17 के उतरी जगह सार्वजनिक चौंक पर अतिक्रमण कर रखा हैं। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा की ये वाद सीएम हेल्पलाईन से लेकर हाईकोर्ट तक पंहुच गया। पड़ताल में सूत्रों से सामने आया की इस मामले को लेकर रायसिहनगर एसडीएम कोर्ट ने भी सार्वजनिक जहग से अतिक्रमण हटवाने का आदेश पंचायत समित विकास अधिकारी को दिया गया। लेकिन आज तक भी पंचायत के बार बार नोटिस दिये जाने के बाबजूद अतिक्रमण कारी कब्जा हटाने को तैयार नही हैं। गांव की गलिया व चौराहे अतिक्रमणकारियों ने बंद कर रखे हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि समझाइश करने पर कब्जाधारी अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं जिसकी सुचना पुलिस को भी दी जा चुकी हैं। जबकि 34 पीएस में ही अहाता संख्या 183 में पंचायत द्वारा इंदरा आवास योजना में मकान बनाकर दिये जा चुके हैं जिसकी स्वीकृति क्रमांक 467-514 दिनांक 21-12-2003 को बनाकर दिये हैं। जिसमें अतिक्रमण करता जानबूझकर निवास नही कर रहे हैं। जिसकी सूचना समस्त सरकारी महकमें को हैं।
कोर्ट के आदेश फिर भी कब्जाधारी पड़ रहे भारी!
वही विकास अधिकारी की जांच रिपोर्ट में भी बात स्पष्ट हैं कि 34 पीएस में भुखण्ड संख्या 117 क व 17ख जो कि सार्वजनिक चौंक की जगह हैं। जिस पर हरजिन्द्र सिह,मेजर सिह पुत्र मोहन सिह ने मकान बना रखे हैं। जानकारी के अनुसार कब्जाधारियों को बार बार नोटिस देने पर भी कब्जा नही हटाया जा रहा है। उपखण्ड मजिस्ट्रेट रायसिहनगर ने दिनांक 4-9-12 को कब्जा हटाने को लेकर पंचायत समिति अधिकारी को निर्देश दिया जिस पर विकास अधिकारी ने ग्राम पंचायत सचिव को निर्देश दिया लेकिन आजतक स्थिति जस की तस हैं।
अब तक क्या हुआ
अतिक्रमण मामले को लेकर 19 जनवरी 2017 को मुख्य कार्यकारी अधिकारी पत्र क्रमांक 6324, 17 जनवरी 2017 को विकास अधिकारी के पत्र क्रमांक 7690 तो वहीं 18 जनवरी 2017 को पत्र की पालना में सावतसर पंचायत के 34 पीएस गांव में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई। कार्यवाही में व्यवधान न पड़े इसको लेकर उप जिला कलक्टर रायसिहनगर से जरिए पत्र क्रमांक 123 17 जनवरी को मौका मजिस्ट्रेट नियुक्त करने का आग्रह किया गया। बताया जाता है की मांग अनुसार सब सुरक्षा मिली लेकिन पता नही बिल्कुल मौके पर सरपंच ने रिपोर्ट की कि लिखित में देने के बावजूद पुलिस जाब्ता व मजिस्ट्रेट नही पंहुचा तथा ग्रामीणों ने विरोध किया। जिसके चलते आगामी आदेश तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को टाल दिया गया। जबकि हाईकोर्ट भी अतिक्रमण को लेकर आदेश दे चुका हैं। वहीं अतिक्रमण को लेकर चल रहे इस खेल को आखिर विराम कब मिलेगा ये अभी देखना बाकी है।
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