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इलाके को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाना ही मुख्य लक्ष्य : बलराम शर्मा


  • फिल्टर प्लांटों के तुरंत निरीक्षण के निर्देश
  • प्रत्येक सप्ताह होगी जन सुनवाई

श्रीगंगानगर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में पदस्थापित अधीक्षण अभियंता बलराम शर्मा का कहना है कि उनका मुख्य लक्ष्य पूरे श्रीगंगानगर जिले में समुचित पेयजल व्यवस्था उपलब्ध करवाना तथा शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाना रहेगा। इसके लिए वे उच्चाधिकारियों के साथ बातचीत करके विशेष कार्ययोजना तैयार करके कार्य करेंगे। पदभार संभालने के बाद विभाग के अधिकारी- कर्मचारियों की पहली बैठक में उन्होंने यह बात कही। उन्होंने गुरूवार को अधीक्षण अभियंता के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है।
उन्होंने कहा कि अधिशासी अभियंता व तकनीकी सहायक के पद पर रहते हुए उन्होंने जिले की कई समस्याओं को बहुत करीब से देखा है। उन समस्याओं के निराकरण के लिए वे त्वरित प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि विभाग की ओर से घर- घर शुद्ध पेयजल पहुंचाया जाता है, फिर भी यदि कोई इलाका पेयजल की कमी या शुद्ध पेयजल से वंचित है तो ऐसे क्षेत्र को चिन्हित कर उन क्षेत्रों में प्रमुखता से कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विभाग के पास सबसे बड़ी समस्या यह है कि आज भी कई गांवों में लोग नहरों के सीधे पानी का इस्तेमाल करते हैं। जबकि नहरों का सीधा पानी सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक है। विभाग की ओर से यह पानी अपनी जल योजनाओं में लेकर उसका पूरी तरह शुद्धिकरण करके उसे घरों में प्रवाहित किया जाता है। फिर भी कई गांव- ढाणियों व खेतों में बनी कुंड में नहरों का सीधा रा वाटर डालते हैं एवं उसे पेयजल के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जो कि बिलकुल गलत है। नहरों में पंजाब से दूषित पानी आने की बार- बार शिकायतें मिल रही है, इसलिए आमजन से विनम्र अपील है कि वे जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से आपूर्ति किए जाने वाले पानी को ही पेयजल के रूप में इस्तेमाल करें। यदि किसी क्षेत्र में पानी कम पहुंचने की शिकायत है तो वह विभाग के अधिकारियों व विभाग के नियंत्रण कक्ष में शिकायत दर्ज करवा सकता है। उनकी शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिले के सभी शहरी मुख्यालयों पर क्लोरिनेशन प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं एवं वहां क्लोरीन गैस से पेयजल का शोधन होता है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर से शोधन किया जाता है। इससे पानी में कोलीफोर्म रहने की आशंका बिलकुल नहीं रहती और वह पानी पीने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इलाके में शुद्ध पेयजल मिले, इसके लिए थोड़े थोड़े समय अंतराल के बाद पानी के नमूने जयपुर भिजवाए जाएंगे। पानी में हैवी मैटल्स की जांच के लिए जयपुर मुख्यालय पर सैंट्रल लैब स्थापित की गई है। जिसमें डबल एएएस मशीन के माध्यम से पानी में हैवी मैटल्स की जांच की जाती है। अप्रेल माह तक उस लैब में जो सैम्पल भेजे थे, उसकी रिपोर्ट संतोषजनक प्राप्त हुई है। अब जहां कहीं भी दूषित पानी की शिकायत आएगी, वहां से पानी के नमूने लेकर स्थानीय जल विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के साथ- साथ वे नमूने जयपुर की सैंट्रल लैब में भी भिजवाए जाएंगे।

फिल्टर प्लांटों के तुरंत निरीक्षण के निर्देश
अधीक्षण अभियंता श्री बलराम शर्मा ने पदभार संभालते ही सभी सहायक अभियंता व कनिष्ठ अभियंताओं को निर्देश दिए कि वे अपने- अपने क्षेत्रों की समस्त जल योजनाओं का निरीक्षण करें एवं वहां के फिल्टर प्लांटों की स्थिति का अवलोकन करें। जहां कहीं फिल्टर प्लांट में दिक्कत है तो उसकी तुरंत रिपोर्ट भेजें। जिले की प्रत्येक जल योजना पर यह सुनिश्चित कर लें कि उन योजनाओं से बिलकुल शुद्ध पेयजल आपूर्ति किया जा रहा है। जहां फिल्टर प्लांटों का सुदृढ़ीकरण किया जाना है, वहां के कार्य के लिए प्रस्ताव तैयार करवाकर उच्चाधिकारियों को भिजवाए जाएंगे। 

प्रत्येक सप्ताह होगी जन सुनवाई
अधीक्षण अभियंता ने सभी अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंताओं को प्रत्येक सप्ताह जनसुनवाई करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति को पेयजल योजना संचालन या पेयजल आपूर्ति संबंधी शिकायत है तो वह इस जनसुनवाई में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। उस जन सुनवाई में शिकायत का इंद्राज करके उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक सोमवार को विभाग के सहायक अभियंता कार्यालय में जन सुनवाई होगी तथा प्रत्येक बुधवार को अधिशासी अभियंता कार्यालय में जनसुनवाई होगी। इसके अलावा प्रत्येक गुरूवार को अधीक्षण अभियंता कार्यालय में भी जनसुनवाई शिविर लगाया जाएगा, जहां अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व में वृत कार्यालय की पूरी टीम जनसुनवाई करेगी और उपभोक्ताओं की समस्याओं का हाथोहाथ समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।

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