श्रीगंगानगर। माननीय न्यायाधिपति एवं किशोर न्याय समिति सदस्य (राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर) श्री इन्द्रजीत सिंह ने रविवार को प्रातः 9 बजे किशोर न्याय बोर्ड व राजकीय सम्प्रेषण एवं किशोर गृह श्रीगंगानगर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान न्यायाधिपति द्वारा समस्त व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा बाल सम्प्रेषण गृह में निवासरत समस्त किशोर से बातचीत कर उनके रहन-सहन, खान-पान एवं आवास आदि की जानकारी ली गई तथा निरूद्ध किशोरों हेतु शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रबल बनाने हेतु निर्देशित किया गया। इस अवसर पर माननीय न्यायाधिपति द्वारा पालना गृह का उद्घाटन कर आमजन अपील की गई कि वे नवजात को नाले, कचरे ढेर अथवा अन्य अनुचित स्थान पर ना फेंके, बल्कि राज्य सरकार द्वारा संचालित पालना गृह में बिना अपनी पहचान बताये छोड जाए व इसकी जानकारी अधिक से अधिक लोगों को तक पहुंचाए।
निरीक्षण के उपरान्त माननीय न्यायाधिपति श्री इन्द्रजीत सिंह ने किशोर न्याया बोर्ड एवं जिले के समस्त स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक आयोजित की गई। आयोजित बैठक में माननीय न्यायाधिपति द्वारा बच्चों एवं किशोरों के सम्पूर्ण विकास एवं कल्याण हेतु कार्य योजना तैयार कर इसकर पालना हेतु उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि जिले के निजी व सरकारी स्कूलों के अध्यापक जो सेवानिवृत हो चुके है उन्हे यहां इस बाल गृह में रह रहे बच्चों को पढाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए तथा कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न प्रोजेक्टरों तथा समय-समय पर यहां रह रहे बच्चों की मानिटर्रिंग की जाए।
निरीक्षण के दौरान पोस्को न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश श्री अमित कुमार कडवासरा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती सुषमा पारीक, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री अरूण कुमार गोदारा, किशोर न्याय बोर्ड की प्रिसिपल व मजिस्ट्रेट श्रीमती सुनिता बेडा, राजकीय सम्प्रेषण एवं किशोर गृह के अधीक्षक श्री प्रेमाराम कस्वां, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक श्री बी.पी. चंदेल, बाल समिति के अध्यक्ष श्री लक्ष्मीकान्त सैनी, बाल समिति के सदस्य श्री जगदीश चंदेल, श्री प्रदीप धेरड व श्रीमती प्रभा शर्मा सहित बाल समिति के सदस्यगण अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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