श्रीगंगानगर-जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए टेस्टिंग किट, वेंटिलेटर एवं अन्य मेडिकल उपकरण केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीयकृत खरीद कर राज्यों को उपलब्ध कराये जाने चाहिएं ताकि राज्य सरकारों को इनकी खरीद में आसानी हो सके, राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा न हो और आईसीएमआर की गाइडलाइन पर खरे उतरने वाले टेस्ट किट एवं उपकरण ही मिल सकें।
श्री गहलोत मंगलवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केन्द्र से आई पांच सदस्यीय टीम एवं प्रदेश के अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मैंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई वीसी के दौरान भी आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान द्वारा चीन से हाल ही में मंगवाये गये रेपिड टेस्ट किट का टेस्ट रिजल्ट ठीक नहीं आ रहा है। यह हमारे लिए चिंता का विषय बना हुआ है। एसएमएस मेडिकल काॅलेज एवं राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की एक रिसर्च टीम इसकी जांच कर रही है। इस जांच की रिपोर्ट एवं आईसीएमआर की गाइडलाइन प्राप्त होने के बाद ही रेपिड टेस्ट किट के बारे में आगे फैसला लिया जा सकेगा।बिना देरी किये राज्यों को पैकेज दे केन्द्र मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी का संक्रमण रोकने के लिए राज्यों ने अपने संसाधन झोंक दिये हैं और लाॅकडाउन के कारण राजस्व में भारी कमी आने से अधिकतर राज्यों की वित्तीय स्थिति ठीक नही है। ऐसे में केन्द्र सरकार को राज्यों को अनुदान के रूप में मदद पहुंचाने के लिए बड़े पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। आरबीआई की ओर से वेज एण्ड मीन्स एडवांस में 60 प्रतिशत की वृद्धि तो की गई है। लेकिन इसे ब्याज मुक्त किया जाना चाहिए। इसके अलावा राज्य सरकारों को उनके बकाया ऋण की आगामी किश्तों पर तीन माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराया जाना चाहिए। राज्यों की उधार लेने की क्षमता भी तीन से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से एवं वीसी के दौरान इस संबंध में आग्रह किया जा चुका है।
जरूरतमंदों को दी ढाई-ढाई हजार रुपये की अनुग्रह राशि श्री गहलोत ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को शुरूआती दौर में ही रोकने के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र की घोषणा से पहले ही 22 मार्च को लाॅकडाउन घोषित कर दिया था। साथ ही रेहडी व ठेला चालक, रिक्शा चालक, असहाय, घुमन्तू एवं रोज कमा कर खाने वाले लोगों के जीविकोपार्जन पर आये संकट को देखते हुए अनुग्रह राशि के रूप में ढाई-ढाई हजार रूपये जरूरतमंद लोगों के खाते में डाले गये ताकि उनकी जरूरतें पूरी हो सकें। जिन लोगों के बैंक खाते नहीं थे उन्हें कलेक्टर के माध्यम से नकद राशि दी गई। राज्य सरकार की ओर से जरूरतमंद लोगों को राशन सामग्री किट एवं भोजन के पैकेट भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं।स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर खर्च होगा विधायक कोष का पैसा
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