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सप्ताह भर चला "विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह" के तहत कार्यक्रमो का सिलसिला



प्रति दिन 40 से ज्यादा व्यक्तियों की हूई मानसिक स्वास्थ्य की जांच

आज आखरी दिन जिला जेल में कैदियों की स्वास्थ्य जांच के साथ होगा सप्ताह का समापन

डॉक्टरों ने बताये खुद को मानसिक स्वस्थ रहने के टिप्स

हनुमानगढ़।(कुलदीप शर्मा) प्रदेश में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश के बाद जिले में विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह का आयोजन किया गया। सीएमएचओ अरुण कुमार चमड़िया ने बताया कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार से मिले निर्देशो के अनुसार जिले में कार्यक्रमो का आयोजन किया गया। मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओ.पी. सोलंकी ने बताया कि जिले में 4 से 8 अक्टूबर तक जिला चिकित्सालय में हर रोज आने वाले रोगियों को परामर्श के अलावा उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रहने को लेकर जागरूक किया गया। उसके अलावा जिला जेल, अपना घर वृद्धाश्रम सहित अन्य जगह केंप लगाकर मानसिक स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। 

सप्ताह भर यहां-यहां हुए कार्यक्रम

प्रदेश भर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 4 से 10 अक्टूबर तक मनाया गया। सप्ताह भर चले कार्यक्रमो में राज्य सरकार के निर्देशानुसार 4 से 8 अक्टूबर तक  जिला चिकित्सालय हनुमानगढ़ में  मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओ.पी. सोलंकी के नेतृत्व में मनोरोग नर्स पंकज शर्मा व उनकी टीम ने प्रति दिन 40 मरीजो को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से जागरूक किया गया। साथ ही परामर्श के लिए आये रोगियों को भी इस सप्ताह के बारे में जागरुक करते हुए ज्यादा से ज्यादा आमजन को जोड़ने का प्रयास किया गया। तो वहीं एक दिन जिला जेल में जाकर केदियो के मानसिक स्वास्थ्य की जांच करते हुए उन्हें जागरूक किया गया। 09 अक्टूबर को अपना घर वृद्धाश्रम में वृद्धजनों के मानसिक स्वास्थ्य की भी जांच की गई। 10 अक्टूबर को सप्ताह के समापन के अवसर पर भी जिला जेल में कैदियों की पुनः मानसिक स्वास्थ्य की जांच करते हुए उन्हें परामर्श के साथ मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने के बारे में टिप्स दिए जाएंगे। 

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस एक परिचय

 ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ विश्व में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता लाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस को लेकर इस वर्ष 2020 का थीम "सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य " है। 

खुद को अकेलेपन से बचाये तो बेहतर

 मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओ.पी. सोलंकी के मुताबिक वर्ष 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत हुई थी। उन्होंने बताया कि जो लोग डिप्रेशन या अवसाद में जी रहे हैं, उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि अधिकतर अकेले में रहने वाले डिप्रेशन और अवसाद के चलते आत्महत्या कर लेते हैं। कोविड-19 के इस संक्रमण काल के दौरान ज्यादातर लोगों में मेंटल इलनेस होने के बाद भी लोग बीमारी से जूझते रहते हैं। समाज व परिवार में जागरुकता के अभाव में मनोरोग चिकित्सक से परामर्श का लाभ नहीं ले पाते हैं। ऐसे लोगों को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। मानसिक बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। वर्तमान समय में कोरोनकाल की वजह से स्कूली बच्चों पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है। उन्होंने बताया लोगों में जागरूकता लाने के लिए 10 अक्टूबर तक सप्ताह का आयोजन किया गया था। फिर भी जिन्हें देरी से सूचना मिली है तो वो बेझिझक आकर परामर्श ले सकते है। 

मानसिक रोग के अनेक प्रकार

मानसिक रोग कई प्रकार के होते है। इनमें डिमेंशिया, डिस्लेक्सिया, डिप्रेशन, तनाव, चिन्ता, कमजोर याददाश्त, बाइपोलर डिसआर्डर, अल्जाइमर रोग, भूलने की बीमारी आदि शामिल हैं। अत्यधिक भय व चिन्ता होना, थकान और सोने में समस्याएं होना, वास्तविकता से अलग हटना, दैनिक समस्याओं से निपटने में असमर्थ होना, समस्याओं और लोगों के बारे में समझने में समस्या होना, शराब व नशीली दवाओं का सेवन, हद से ज्यादा क्रोधित होना आदि मानसिक बीमारी के लक्षण हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में तुरन्त आप नजदीकी मानसिक रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेने जरूर जाए। 



बचाव के कुछ उपाय जरूर पढ़ें

मानसिक बीमारी से बचाव के तरीकों पर प्रकाश डालते हुए मनोरोग नर्स पंकज शर्मा  ने बताया यदि किसी को मानसिक बीमारी है तो उसे तनाव को नियंत्रित करना होगा, नियमित चिकित्सा पर ध्यान देना होगा, पर्याप्त नींद लेनी होगी। समस्या से ग्रसित व्यक्ति पौष्टिक आहार लें व नियमित व्यायाम करें। वहीं मनोरोग नर्स पंकज शर्मा ने यह भी बताया कि अगर आपको अपने किसी परिचित में कोई लक्षण दिखे तो तुरंत परामर्श लेने में विस्वाश रखे। क्योंकि मानसिक स्वास्थ्य अगर व्यक्ति का स्वस्थ नहीं होगा तो वो किसी गलत रास्ते पर जा सकता है। इसलिए कोरोना काल मे नौकरी छूटने, कमाई कम होने, पारिवारिक कलह से परेशान होने के मामले बढ़े है। खुद को ओर अपने परिचितों को तभी मानसिक स्व्स्थ रखा जा सकता है जब हम उनको समय रहते परामर्श दिलवा पाएंगे।



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