श्रीगंगानगर,। दिल मेें रेसर बनकर राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पाने की ललक लेकर कस्बे के तीन किशोर सप्ताह मेें तीन बार 40 किलोमीटर की रेस लगा रहे हैं। यही नहीं, इनमें से एक कक्षा दस के स्टूडेंट हिमांशु गर्ग ने तो ब्लाक एवं जिला स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक तक हासिल किया है। कस्बे के इन भावी रेसरों में मालवीय पब्लिक स्कूल के कक्षा दस के छात्रा 15 वर्षीय हिमांशु गर्ग, आईटीआई कर रहे 17 वर्षीय छात्र संजू, बाल भारती स्कूल में अध्ययनरत कक्षा 10 के 15 वर्षीय छात्र अनमोल हैं। इन तीनों ने संयुक्त रूप से बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व उनके मन में आया कि किस तरह जिले व प्रदेश का नाम रोशन हो, ख्याति प्राप्त हो और भविष्य उज्ज्वल हो। इनके आगे सबसे बड़ी समस्या यह भी है कि तीनों ही बिल्कुल साधारण परिवारों के हैं। इसके विपरीत ख्याति प्राप्त करने और भविष्य सुनहरा करने के लिए इन तीनों ने रेसर बनने का सपना संजोया। शुरू में करड़वाला चैक तक तीन किलोमीटर रेस लगानी शुरू की, जिसे बढ़ाते-बढ़ाते अब सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, गुरुवार एवं शनिवार को सुबह 8 बजे सादुलशहर के घोड़ा चैक से रवाना होकर श्रीगंगानगर तक करीब चालीस किलोमीटर की रेस लगा रहे हैं। इन तीनों ने बताया कि मौसम चाहे विपरीत हो फिर भी उक्त रेस लगाई जाती है। रेसर बनकर राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने के साथ-साथ कैरियर बनाना प्रमुख उद्देश्य है। वहीं इनके कोच रंजीत मणि ने बताया कि तीनों ही युवा प्रतिभाशाली हैं और धुन के पक्के हैं। इनकी मेहनत और लगन को देखकर लगता है कि इनका भविष्य उज्जवल है और यह युवा अपने मां बाप और सादुलशहर का नाम अवश्य रोशन करेंगे। वही देवेंद्र राजपूत ने भी कहा कि इतनी छोटी उम्र के इन युवाओं में जोश, जज्बे और हौसले की कोई कमी नहीं है।
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