Advertisement

Advertisement

पालनहार लाभ के लिए करवाना होगा वार्षिक सत्यापन

 पालनहार लाभ के लिए करवाना होगा वार्षिक सत्यापन

बीकनेर,। पालनहार योजना के तहत जिन पालनहार द्वारा वार्षिक सत्यापन (त्मदमूंस) नहीं करवाया गया हैं वे अपने अध्ययनरत बच्चों का विद्यालय में अध्ययनरत या आंगनबाड़ी से जुड़े होने का प्रमाण पत्र जारी करवाकर ई-मित्र, ई-मित्र प्लस या राजीव गंाधी सेवा केन्द्र के माध्यम से वार्षिक सत्यापन (त्मदमूंस) करवा लें, जिससे नियमानुसार योजना का लाभ जारी रखा जा सके।

  सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल डी पंवार ने बताया कि योजना के तहत राजस्थान सरकार द्वारा 0 से 18 वर्ष तक के विशेष देखभाल एवं संरक्षण वाले बालक, बालिकाओं  

की विभिन्न श्रेणियों के लिये है। इसके तहत आने वाले बालक, बालिकाओं की देखभाल एवं पालन-पोषण की व्यवस्था परिवार के अंदर किसी निकटतम रिश्तेदार, परिचित व्यक्ति के द्वारा किया जाता है। बालक, बालिकाओं के देखभाल करने वाले को पालनहार कहा गया है। बालक, बालिकाओं के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास को सुनिश्चित करने के लिये सरकार द्वारा मासिक आर्थिक सहायता दी जाती है।

पालनहार योजनांतर्गत निराश्रित पेंशन की विधवा माता के बच्चे, नाता जाने वाली माता के बच्चे,

अनाथ बच्चे, पुनर्विवाहीत विधवा माता के बच्चे, विशेष योग्यजन(दिव्यांग) माता-पिता के बच्चे,तलाकशुदा व परित्यकता महिला के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीडित माता-पिता के बच्चे,एच.आई.वी, एड्स पीडित माता, पिता के बच्चे,मृत्यु दंड या आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे, सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चे पात्र है।  पालनहार योजनांतर्गत 0-6 वर्ष के बालक-बालिकाओं को 500 रुपए प्रतिमाह एवं 6 से 18 वर्ष के बालक-बालिकाओ को 1000  प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

पवार ने बताया कि पालनहार योजना के अंतर्गत लाभान्वित हो रहे 6-18 वर्ष के बच्चों के लिए विद्यालय में अध्ययनरत होने का प्रमाण-पत्र ई-मित्र पर अपलोड करना होता है जिससे शैक्षणिक सत्र में पूरे वर्ष नियमित भुगतान किया जाता है। इसी प्रकार 0-6 वर्ष के बच्चो के लिए आंगनबाडी से जुडे होने का प्रमाण पत्र ई-मित्र पर अपलोड करना होता है। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Advertisement

Advertisement