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प्रगतिशील किसानों ने श्रीगंगानगर जिले को दिलाई नई पहचानः जिला कलक्टर

श्रीगंगानगर,। किसान ही देश का भविष्य निर्धारित करते हैं व प्रगतिशील काश्तकारों ने श्रीगंगानगर जिले को नई पहचान दिलाई है। उक्त बात श्रीगंगानगर जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा ने कृषि तकनीकी ज्ञान संर्दभ केन्द्र में कृषक व वैज्ञानिक संवाद के दौरान कही।

जिला कलक्टर श्री वर्मा ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि वैज्ञानिक लैब में जो प्रयोग करते है, उनको जब तक फील्ड में लागू ना किया जाये, तब तक उसका कोई महत्व नहीं रहता। कृषि संवाद गोष्ठियों के माध्यम से किसान नई तकनीकों से रूबरू होते है और ऐसी गोष्ठियां निरन्तर आयोजित होनी चाहिए। जिला कलक्टर ने कहा कि देश आजाद होने के बाद प्रारम्भ में कृषि में कई समस्याएं थी, जिसे देखते हुए पहले की कई पंचवर्षीय योजनाएं कृषि को समर्पित की गईं। डैम, नदी घाटी परियोजनाएं, कैनाल सिस्टम आदि बनने से पिछले 70 वर्षों में बहुत कुछ बदला है। अनाज उत्पादन के क्षेत्र में भारत अग्रणी पंक्ति में खड़ा है। इस कार्यक्रम की शुरूआत में रजिस्ट्रेशन पश्चात आत्मा योजनांतर्गत देय सुविधाएं, कृषि विभाग द्वारा दी जा रही सुविधाएं व लाभकारी योजनाएं, जैविक खेती, उद्यान विभाग की लाभकारी योजनाएं, कीट नियंत्राण की जानकारी, कृषि विपणन, कृषि विज्ञान केन्द्र व पशुपालन विभाग की योजनाएं तथा मृदा स्वास्थ्य एवं पोषक तत्व प्रबंधन पर चर्चा कर किसानों को जानकारी दी गई।
संयुक्त निदेशक कृषि विपणन श्री देवी लाल कालवा ने बताया कि कृषकों की आय में वृद्धि के लिये राज्य सरकार नई योजनाएं लागू करती रहती है व कृषि तकनीक में भी बेहद सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि दो करोड़ का प्रोजेक्ट लगाने पर किसान को 50 प्रतिशत सब्सिडी व ब्याज में भी 6 प्रतिशत की सब्सिडी मिल रही है। कोई भी किसान खेत पर वेयर हाउस बनाता है तो उसे 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि खेत पर यूनिट लगाने के लिये एकल खाता होना चाहिए व ऐसे में लैण्ड कन्वर्जन की जरूरत नहीं है, सिर्फ तहसीलदार को आवेदन पत्र देना होगा, जिस पर वह नोट अंकित करेगा व फिर कार्य जारी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि किसान जिस बैंक से केसीसी लेता है, उसी से टर्म लोन ले सकता है व बैंक इसे देने के लिये मना नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि पूंजी, ब्याज व भाड़ा अनुदान राज्य सरकार दे रही है तथा सोलर प्लांट लगाने पर भी 10 लाख की सब्सिडी दी जा रही है।
इस कार्यक्रम के प्रारम्भ में जिला कलक्टर का स्वागत राजस्थानी परम्परा के अनुसार साफा पहना कर किया गया व कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक जी.आर. मटोरिया ने बुके देकर उनका स्वागत किया व किसानों ने फूल माला पहनाकर उनका अभिवादन किया। जिला कलक्टर ने श्रीगंगानगर जिले से आॅर्गेनिक फार्मिंग में राज्य पुरूस्कार विजेता मनीराम पूनिया को प्रशस्ति पत्रा देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर श्री पूनिया ने अपने विचार रखे व किसानों को प्रगतिशील जैविक खेती के विषय में जानकारी दी व पिछले 11 वर्षों से जैविक खेती कर रहे है व 33 जिलों में इस कार्य में राज्य में श्रीगंगानगर जिला प्रथम रहा व श्री पूनिया को सम्मानित किया गया।
जिला कलक्टर श्री वर्मा ने प्रगतिशील महिला कृषकों उर्मिला, सुखजीत कौर व जसप्रीत कौर को सम्मानित किया। श्रीमती उर्मिला पिछले सात वर्षों से जैविक खेती कर रही हंै व इनका डेयरी का भी व्यवसाय है। जिला कलक्टर ने नौ ग्राम पंचायतों से चयनित प्रगतिशील किसानों को प्रशस्ति पत्र देकर उनका सम्मान किया व किसानों से गंगासिंह मेमोरियल के विषय में जानकारी सांझा की व उन्हें गंगासिंह मेमोरियल बनाने के लिये सुझाव देने को भी कहा। उन्होंने कहा कि जब भी इसका लोकार्पण हो, तो समस्त किसान वहां अवश्य पधारे।  
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक श्री जी.आर, मटोरिया ने जिला कलक्टर श्री महावीर प्रसाद वर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट दिया। इस कार्यक्रम का मंच संचालन मदनलाल जोशी ने किया व उन्होंने बताया कि इसी परिसर में स्थित नर्सरी में महाराजा गंगासिंह ने स्वयं हल चलाया था व आज 61 प्रगतिशील किसानों की उपस्थिति में जिला स्वयं को गौरान्वित महसूस कर रहा है।

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