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स्कूल में बालश्रम की शिकायत की जांच करेंगे जिला शिक्षा अधिकारी*

*बाल कल्याण समिति की बैठक में जिला कलक्टर ने दिए निर्देश*

बीकानेर,। कंवलीसर गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बाल कल्याण समिति के औचक निरीक्षण के दौरान प्राप्त शिकायतों की जांच मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से करवाई जाएगी।

जिला कलक्टर नमित मेहता ने सोमवार को बाल कल्याण समिति की बैठक में यह निर्देश दिए। समिति अध्यक्ष डाॅ. किरण सिंह ने बताया कि चाइल्ड हैल्प लाइन के जरिए प्रकरण प्राप्त होने के बाद समिति सदस्यों ने कंवलीसर के स्कूल का विजिट किया। इस दौरान समिति को बच्चों से बाल श्रम करवाने की शिकायत प्राप्त हुई। जिला कलक्टर ने इसे गंभीरता से लिया और इसकी जांच करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चाइल्ड हैल्पलाइन पर प्राप्त केस बेवजह लंबित नहीं रहें। इनकी साप्ताहिक माॅनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। बाल अधिकारों से संबंधित साप्ताहिक जागरुकता कैम्प आयोजित किए जाएं। संबंधित उपखण्ड अधिकारी और पुलिस अधिकारियों को इससे अवगत करवाया जाए। इस दौरान बच्चों से संबंधित सरकारी योजनाओं का भी प्रचार प्रसार हो।

जिला कलक्टर ने जिले में ब्लाॅक और ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन नहीं किए जाने को गंभीरता से लिया तथा कहा कि इनका गठन शीघ्र करवाया जाए एवं नियमित बैठकें भी हों। उन्होंने बाल कल्याण समिति तथा किशोर न्याय बोर्ड द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की। राजकीय गृहों में उपलब्ध संसाधनों एवं आवश्यकताओं के बारे में जाना।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) अरुण प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  (शहर) शैलेन्द्र इंदौलिया, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल डी पंवार, जिला समाज कल्याण अधिकारी अरविंद आचार्य, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डाॅ. किरण सिंह, एड. जुगल किशोर व्यास, हर्षवर्धन सिंह भाटी तथा आईदान मौजूद रहे।

288.08 लाख रुपये की सहायता करवाई उपलब्ध

अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण नियम के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं माॅनिटरिंग कमेटी की बैठक सोमवार को जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिला कलक्टर ने एससी-एसटी अत्याचार के मामलों में संवेदनशीलता के साथ समयबद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल डी पंवार ने बताया कि वर्ष 2020-21 से अब तक अनुसूचित जाति के 338 मामलों में 271.98 तथा अनुसूचित जनजाति के 21 मामलों में 16.10 लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई है।*


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