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फसल बीमा क्लेम मामलों में कृषि विभाग, बैंक और बीमा कंपनी आपसी समन्वय से अधिकतम फायदा किसानों को दें- जिला कलक्टर


 फसल बीमा क्लेम मामलों में कृषि विभाग, बैंक और बीमा कंपनी आपसी समन्वय से अधिकतम फायदा किसानों को दें- जिला कलक्टर 

जिला कलक्टर श्री नथमल डिडेल ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लंबित प्रकरणों को लेकर हुई बैठक में दिए निर्देश
पोर्टल पर डेटा अपलोड नहीं करने या गलत डेटा अपलोड करने वाले बैंकों को नोटिस देने के दिए निर्देश 
''बैंक अगर पोर्टल पर गलत डेटा अपलोड करता है तो संबंधित बैंक मैनेजर से वसूला जाएगा क्लेम''  
''बीमा कंपनी प्रतिनिधियों को तहसील मुख्यालय पर बैठने और कंप्यूटर की व्यवस्था बीमा कंपनी खुद करे''
रबी 2019-20 के अंतर्गत बंद अकाउंट वाले 150 किसानों को आगामी 20 दिन में बीमा कंपनी कर देगी क्लेम का भुगतान 
 

हनुमानगढ़, । प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत जिले में लंबित प्रकरणों के निस्तारण को लेकर जिला कलक्टर श्री नथमल डिडेल की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई। जिसमें जिला कलक्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमा क्लेम मामलों में कृषि विभाग, बैंक और बीमा कंपनी आपसी समन्वय के जरिए अधिकतम लाभ किसानों को दें ताकि किसानों को फसल खराबे का पूरा मुआवजा मिले और समय पर मिले। फसल बीमा के लंबित मामलों में रबी 2018-19 के अंतर्गत बैंक द्वारा फसल बीमा योजना के राष्ट्रीय पोर्टल पर गलत पटवार मंडल की प्रविष्टि के 147 मामलों, रबी 2018-19 के अंतर्गत पोर्टल पर अपलोड होने से शेष रहे 14 मामलों, रबी 2018-19 के अंतर्गत स्थानीय आपदा के प्रावधानुसार फसल खराबा के लंबित 10 हजार 66 मामलों में क्लेम भुगतान, खरीफ 2019 के अंतर्गत बीमा क्लेम से वंचित 5500 कृषकों के क्लेम भुगतान, रबी 2019-20 के अंतर्गत स्थानीय आपदा के प्रावधानुसार फसल खराबा के लंबित 9 हजार 676 मामलों के लंबित क्लेम भुगतान और रबी 2019-20 के अंतर्गत बैंक के द्वारा फसल बीमा योजना के राष्ट्रीय पोर्टल पर गलत पटवार मंडल के 20 प्रविष्टि मामलों की समीक्षा करते हुए जिला कलक्टर ने इन सभी मामलों का निस्तारण शीघ्र कर किसानों को क्लेम भुगतान शीघ्र करवाने के निर्देश कृषि विभाग, बैंक और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को दिए।
                                   जिला कलक्टर ने कहा कि जिन बैंकों ने पोर्टल पर डेटा अपलोड नहीं किया या गलत अपलोड किया है और संबंधित बैंकों को कोई नोटिस नहीं दिया है तो मंगलवार को इन सभी बैंकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जिन बैंकों को नोटिस दे दिए गए हैं और उनका कोई जवाब नहीं आया है तो संबंधित बैंक को नोटिस देकर सात दिन में जवाब पेश करने के निर्देश दिए। जिन बैंकों के जवाब आ गए हैं लेकिन जवाब गलत है तो बैंकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाएं। जिला कलक्टर ने कहा कि अगर कोई बैंक पोर्टल पर गलत डेटा अपलोड करता है तो किसान को बीमा क्लेम का भुगतान संबंधित बैंक मैनेजर को करना होगा। उन्होने कहा कि किसानों को फसल खराबे का मुआवजा समय पर मिले और सही मिले। इसको लेकर बैंक, कृषि विभाग और बीमा क्लेम कंपनी के प्रतिनिधि कोई कोताही ना बरते अन्यथा संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिला कलक्टर ने बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों से दो टूक कहा कि बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों को तहसील स्तर पर बैठने और कंप्यूटर उपलब्ध करवाने का कार्य प्रशासन का नहीं है। ये व्यवस्था खुद बीमा कंपनी करे। 
                                              इससे पहले बैठक में कृषि विभाग के उपनिदेशक श्री दानाराम गोदारा ने बैठक के एजेंड के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि जिले में करीब 9 लाख हैक्टेयर कृषि भूमि है। जिसमें से साढ़े 4 लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित है और जिले में कृषि अर्थव्यवस्था के जरिए सालाना करीब 40 से 50 अरब रूपए की उपज का टर्नओवर होता है। जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के वर्ष 2015 में शुरू होने से लेकर अब तक कुल करीब 2000 करोड़ रूपए का क्लेम फसल खराबे में किसानों को दिया जा चुका है। कृषि विभाग के सहायक निदेशक श्री बलबीर सिंह ने लंबित बीमा क्लेम के मामलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 
                                            अखिल भारतीय किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष श्री मंगेज चौधरी ने परलिका के पंजाब नेश्नल बैंक का उदाहरण देते हुए कहा कि लगभग सभी बैंक जानबुझकर 50-60 किसानों के डेटा पोर्टल पर गलत( मिसमेच) अपलोड कर देते हैं। कभी पटवार मंडल गलत भर देते हैं तो कभी दस्तावेजों की कमी बताकर किसानों को बीमा क्लेम से वंचित रख दिया जाता है। पोर्टल नहीं चलने का बहाना बनाकर डेटा अपलोड नहीं करते। गड़बड़ी करने वाले ऐसे बैंकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। ऐसे बैंकों को कई बार नोटिस तक जारी नहीं किया जाता। उन्होने रबी 2018-19 के अंतर्गत नोहर के करीब 10 हजार किसानों के लंबित बीमा क्लेम का भुगतान बीमा कंपनी से जल्द करवाने, खरीफ 2019 के अंतर्गत नोहर के ही करीब साढ़े पांच हजार किसानों के क्लेम मामलों में फसल कटाई प्रयोग आक्षेप मामले और रबी 2019-20 के अंतर्गत नोहर के करीब साढ़े 9 हजार किसानों को बीमा क्लेम जल्द दिलवाने की मांग की। इस पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रबी 2019-20 के 9676 किसानों के पेडिंग क्लेम मामले में 8339 किसानों के आधार, बैंक खाता पासबुक और जमाबंदी की प्रति संकलित कर बीमा कंपनी को हस्तगत करवा दी गई है। अब भुगतान बीमा कंपनी के स्तर पर होना है। 
                                         बीमा कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि रबी 2019-20 के अंतर्गत जिन करीब 150 किसानों के बैंक अकाउंट बंद है। उनका भुगतान आगामी 20 दिन में कर दिया जाएगा। वहीं एलडीएम श्री बीएल मीना ने कहा कि राष्ट्रीय पोर्टल बहुत कम दिनों 14 दिन के लिए ही खुलता है उसमें से भी करीब 7 दिन तक धीरे चलता है।    
                                          बैठक में जिला कलक्टर श्री नथमल डिडेल के अलावा कृषि विभाग के उपनिदेशक श्री दानाराम गोदारा,पीआरओ श्री सुरेश बिश्नोई, एलडीएम श्री बीएल मीणा, सहायक निदेशक कृषि श्री बलबीर सिंह, एओ श्री स्वर्ण सिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष श्री मंगेज चौधरी, अखिल भारतीय किसान सभा से ही श्री रणवीर खिची,  श्री रणवीर धुवां, श्री विजय पचार, किसान सभा से श्री पवन कुमार, कृषि विभाग के लेखाधिकारी श्री द्वारका प्रसाद, सहायक लेखाधिकारी श्री गुलाब सिंह, एग्रीकल्चर इंशोरेंस कंपनी के प्रतिनिधियों में श्री राजेश सिहाग और श्री विनोद कुमार शामिल थे।     

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