केंद्र सरकार से श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में 100-100 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर व जीवन रक्षक दवाईयां उपलब्ध कराने की मांग कीः सांसद निहाल चन्द
श्रीगंगानगर। पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री एवं लोकसभा सांसद श्री निहाल चन्द ने श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों को केंद्र सरकार द्वारा 100-100 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर व जीवन रक्षक दवाइयां की मदद उपलब्ध करवाने की मांग की है। सांसद निहाल चन्द ने इस सम्बन्ध में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन से फोन वार्ता और पत्राचार के माध्यम से अनुरोध किया है।वर्तमान कोरोना महामारी के मद्देनजर पिछले कुछ दिनों से लगातार श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ में स्थिति नाजुक होती जा रही है और दिन प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, ऐसे में दोनों ही जिलों में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी कमी देखी जा रही है, खासकर आॅक्सीजन व जीवन रक्षक दवाईयों की भारी किल्लत हो रही है। इस पर स्थानीय सांसद निहाल चन्द ने तुरंत संज्ञान लेते हुए केंद्र से मदद की गुहार लगाई है, जिस पर केंद्र सरकार की ओर से सकारात्मक और शीघ्र कार्यवाही का भरोसा दिया गया है।
सांसद ने श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ दोनों ही जिलों के लिए 100-100 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर व रेमेडीसिविर समेत जीवन रक्षक दवाईयों को अतिशीघ्र उपलब्ध करवाने हेतु केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कर निवेदन किया है, जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने सांसद को त्वरित कार्यवाही का भरोसा दिलाया है। सांसद श्री निहाल चन्द ने श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ दोनों ही जिला मुख्यालयों समेत सम्पूर्ण राजस्थान में पीएसए (प्रेशर स्विंग ऐड्साॅर्प्शन) चिकित्सा आॅक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना भी अतिशीघ्र करवाने हेतु अनुरोध किया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सांसद को अवगत करवाया कि राजस्थान प्रदेश को अभी हाल ही में आॅक्सीजन व रेमेडीसिविर जैसी दवाईयों का कोटा भी बढाया गया है, जिसके उपलब्ध होने के बाद प्रदेश में आॅक्सीजन समेत जीवन रक्षक दवाईयों की उपलब्धता में बढ़ोतरी होगी, साथ ही सार्वजनिक अस्पतालों में आॅक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने हेतु पीएम केयर्स के माध्यम से देश के 551 सार्वजनिक जिला अस्पतालों पर समर्पित पीएसए (प्रेशर स्विंग ऐड्साॅर्प्शन) चिकित्सा आॅक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना भी की जानी है, जो कि टेंडर प्रक्रिया के दौर से गुजर रही है और जल्द ही इनकी स्थापना भी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे आने वाले समय में देश का प्रत्येक जिला आॅक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर होगा।
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