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अत्यधिक वर्षा से निपटने के लिये 15 जून तक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंः जिला कलक्टर

 बाढ़ व अत्यधिक वर्षा को लेकर विभिन्न विभागों को निर्देश

अत्यधिक वर्षा से निपटने के लिये 15 जून तक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंः जिला कलक्टर
श्रीगंगानगर,। आपदा प्रबंधन राजस्थान सरकार एवं एनडीएमए नई दिल्ली के निर्देशानुसार दक्षिणी पश्चिमी मानसून 2021 पूर्व की भांति राज्य में माह जून में सक्रिय होने की संभावना है। इस दौरान जल भराव, बाढ़ की संभावना को देखते हुए जनधन के सुरक्षात्मक उपाय के लिये एनडीएमए की गाईडलाइन के तहत उचित प्रबंधन करने के निर्देश दिये गये है।
 जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने जिले के आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये है कि एनडीएमए की गाईडलाइन की अक्षरशः पालना सुनिश्चित की जाये। जिला कलक्टर ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार मौसम विभाग का एक स्थाई नियंत्राण कक्ष होगा, जो नियमित रूप से सूचना जिला कलक्टर आपदा प्रबंधन को देंगे। सिंचाई विभाग 15 जून से बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करेगा। बाढ़ या जल भराव की संभावना में जिले के संवेदनशील एवं संकटग्रस्त क्षेत्रों का सामना करने के लिये कार्य योजना बनाऐंगे। वायरलेस कार्यशील, नाव, रक्षा पेटियों, रस्सों, मशालों, टोर्च की व्यवस्था करेंगे। वर्षा काल में नहरों आदि पर निरन्तर भ्रमण करेंगे।
उन्होंने बताया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग भी अपना नियंत्रण कक्ष स्थापित करेंगे। निचले क्षेत्रों से पानी निकालने हेतु पम्प सैटों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। इसके साथ ही पेयजल की व्यवस्था व पेयजल स्त्रोतों के क्लोरीफिकेशन की समुचित व्यवस्था की जाये ताकि दूषित पेयजल जनित बीमारियां फैलने की संभावना न रहे। इसी प्रकार खाद्य एवं नागरिक विभाग नियंत्रण कक्ष स्थापना के साथ-साथ उचित मूल्य दूकानों पर गेहूं, केरोसीन, खाद्य सामग्री के भण्डारण व वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। स्थानीय निकाय वर्षा काल में नियंत्रण कक्ष स्थापित करेंगे। शहर की सड़कों की मरम्मत, नालों की सफाई 15 जून से पूर्व कर ली जाये। निचले स्तर से प्रभावित व्यक्तियों, बस्तियों को ऊंचे क्षेत्रों में अस्थाई धर्मशाला, सार्वजनिक स्थल को चिन्हित किया जाये। पानी निकासी के लिये पम्प सैट, मृत पशुओं, मलबा कचरा हटाने का कार्य करेंगे।
जिला कलक्टर ने बताया कि चिकित्सा विभाग अपना नियंत्रण कक्ष संचालन के साथ-साथ जीवन रक्षक दवाईयां, बाढ़ के समय मोबाईल चिकित्सा दल का गठन, बाढ़ के दौरान फैलने वाली बीमारियां हैजा, पीलिया, मलेरिया, त्वचा संबंधी बीमारियां, फूड पाॅईजनिंग के ईलाज हेतु पर्याप्त मात्रा में दवाईयां रखी जाये। इसी प्रकार भारत संचार निगम जिले में जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष का टोल फ्री नम्बर 1077 को निरन्तर दुरस्त रखा जाये। आपदा की स्थिति में संचार व्यवस्था अबाधित रखने की व्यवस्था की जाये तथा जरूरत पड़ने पर मोबाईल टावर्स स्थापित करने का प्रबंध किया जाये। डाक एवं तार विभाग, जल भराव, बाढ़ के दौरान टेलीग्राम व पोस्टल व्यवस्था हेतु विशेष व्यवस्था की जाये।
उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग वर्षा काल में नियंत्रण कक्ष संचालन के साथ-साथ होमगार्ड एवं आरएसी की प्रशिक्षित व अन्य कम्पनियां तैयार रखी जाये। पर्याप्त मात्रा में तैराक, नावों की व्यवस्था तथा गोताखोरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। इसी प्रकार विधुत वितरण निगम वर्षा काल में नियंत्रण कक्ष संचालन के साथ बाढ़ की स्थिति होने पर विधुत व्यवस्था को सुचारू रखने, आवश्यक उपकरण, पोल, कंडक्टर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। कहीं टांसफार्मर जमीन पर रखे है तो उन्हें डीपी पर रखवाये जाये। इसी प्रकार पशुपालन विभाग बाढ़ के समय पशुओं में फैलने वाली बीमारियों के ईलाज के लिये पर्याप्त दवाईयां रखेंगे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में चारा पशुआहार की व्यवस्था तथा मृत पशुओं के निस्तारण का कार्य देखेंगे। सार्वजनिक निर्माण विभाग सड़क मार्ग से गुजरने वाले नदी नाले आदि को चिन्हित किया जाये तथा दोनों ओर साईन बोर्ड लगाया जाये। संभावित खतरों वाले स्थानों पर लोहे की जंजीर लगाई जाये। जिला कलक्टर ने सभी अधिकारियों को 15 जून 2021 से पूर्व आवश्यक तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिये है।

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